ब्लड कैंसर –हमारे शरीर में रक्त के बनने में तीन तरह की सेल की अहम भूमिका होती है। जिन्हें लाल रक्त कणिका, प्लेटलेट्स और सफेद रंग कणिका के नाम से जाना जाता है। यह प्रायः कोशिकाएं स्टेम से आती है । इनका मुख्य कार्य लाल रक्त कणिकाओं को बनाना एवं उसकी वृद्धि करना है ।जब स्टेम लाल रक्त कणिकाओं के निर्माण में की गति कम या कणिकाओं को बनाने में असमर्थ हो जाता है ।तो उसमें आई इस कमी को ब्लड कैंसर के नाम से जाना जाता है।
ब्लड कैंसर का वर्गीकरण तीन प्रकार से किया जा सकता है।
1)ल्यूकेमिया 2) लिंफोमा 3) मायलोमा
कैंसर रोगी को क्या खाना चाहिए-
लाल मिर्च-ब्लड कैंसर के मरीज को लाल मिर्च का सेवन करना चाहिए ।लाल मिर्च में प्रचुर मात्रा में विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट तत्व रोगी के रक्त संचार को संतुलित एवं बढ़ाने में सहायक है।
हल्दी-वैज्ञानिकों के अनुसार हल्दी में चमत्कारी गुण विद्यमान है ।यह बहुत ही गुणकारी है कैंसर पीड़ित रोगियों के लिए या कैंसर रोधी सिद्ध हुई है ।हल्दी में एंटी इन्फ्लेमेटरी तत्व पाए जाते हैं।हल्दी के सेवन से व्यक्ति के शरीर में स्वस्थ कोशिकाएं पहले की अपेक्षा बढ़ जाती है । इसके अतिरिक्त हल्दी कैंसर रोधी कोशिकाओं के प्रभाव को स्वतः कम कर देती है ।हल्दी को खाने के साथ ही, दूध भी मिश्रण करके पिया जा सकता है।
ग्रीन टी-ग्रीन टी भी कैंसर से बचाव के लिए काफी मददगार सिद्ध होती है ।ग्रीन टी में अधिक मात्रा में एंटी ऑक्सीसडेंट होता है। इसके सेवन से स्वस्थ कोशिकाएं निर्मित होती हैं ।फलतः कैंसर रोधी कोशिकाओं की वृद्धि होने से यह रोकती है ।कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को प्रतिदिन 4 से 5 बार ग्रीन टी का सेवन करना चाहिए।
फल एवं जूस- रक्त कैंसर में पीड़ित व्यक्ति को प्रत्येक दिन अत्यधिक मात्रा में ताजे फलों को खाना चाहिए ।फलों में अंगूर ,संतरा ,अनार आदि ले। जिससे व्यक्ति के शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा में वृद्धि हो सके। इसके अतिरिक्त ब्रोकली, पालक ,गोभी एवं हरी सब्जियां को आहार में ले। इसमें मुख्य तौर पर खनिज विटामिन एवं एंजाइम की प्रचुरता होती है।
गेहूं की घास का जूस-ब्लड कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को नियमित रूप से खाली पेट एक गिलास गेहूं की घास से जूस बनाकर पिए इस के जूस में रोग प्रतिरोध प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है एवं रक्त का संचार भी बढ़ता है
एलोवेरा-एलोवेरा रक्त कैंसर में काफी कारगर सिद्ध होता है ।एलोवेरा के पौधों के कुछ हिस्सों में विभाजित करके ,उसे आधा लीटर शहद एवं तीन-चार चम्मच फलों के जूस ने मिश्रण करके भली-भांति मिला ले, एवं एक घोल के रूप में तैयार कर लें ,इस पेय पदार्थ के प्रतिदिन भोजन के 15 मिनट उपरांत तीन से चार बार सेवन करें ।दस दिन लगातार सेवन के पश्चात अपनी ब्लड सेल का परीक्षण कराएं।
ब्लड कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को किन चीजों को खाने से बचना चाहिए-
1)माइक्रोवेव के द्वारा बनाया गया ,पॉपकॉर्न से कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। माइक्रोवेव में तैयार पॉपकॉन में
परफ्यूरोक्टानोइकएसिड बनता है। यह कैंसर को बनने का कारण है ।
2)लंबे समय से कोल्ड स्टोर में रखे ,फलों में केमिकल के कुछ अंश फलों को खाते समय यह हमारे शरीर में चले जाते हैं ,जिससे कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
3)आधुनिक समय में हम प्राकृतिक सब्जियों के साथ-साथ डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का भी उपयोग करते हैं। लंबे समय तक खाद्य पदार्थों को रखने से बिसफेनॉल-ए नाम का केमिकल स्वतः बन जाता है। जिससे कैंसर होने के आसार बढ़ जाते हैं।
4)मीट को लंबे समय तक सुरक्षित एवं सड़ने से बचाने के लिए उसमें कुछ केमिकल का प्रयोग किया जाता है। उसमें सोडियम मिलाया जाता है ।कुछ समय बाद सोडियम से यह सोडियम नाइट्रेट बनने लगता है। यह कैंसर सेल का निर्माण होता है ।
5)सालमन मछली के शरीर में पारा प्रचुर मात्रा में पाया जाता है ।अगर इसे लंबे समय के लिए डीप फ्रीजर में रख दिया जाए ,तो यह धीमी गति से जहर बनाने का काम करता है।
6)बड़ी-बड़ी कंपनियों में तैयार किए गए ,खाद्य पदार्थ जैसे चिप्स आदि को बनाते समय ,उसे लंबे समय तक सुरक्षित रखने हेतु सोडियम एवं नकली रंग का प्रयोग किया जाता है। जोकि अति हानिकारक है।
7)हाइड्रोजनिकृत तेल एवं सब्जियों पौधों के द्वारा केमिकल क्रिया के माध्यम से तेल प्राप्त किया जाता है। इसमें ओमेगा 6 की मात्रा सर्वोच्च होती। है जिससे कैंसर या हृदय से संबंधी रोग होने की संभावना बढ़ जाती है।
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