शीतलाष्टमी स्पेशल 2021 : क्या मनाते हैं शीतला सप्तमी का व्रत।।

 Join WhatsApp Group
 Join Telegram Channel

शीतलाष्टमी स्पेशल 2021 : क्या मनाते हैं शीतला सप्तमी का व्रत, शीतला अष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त 2021, शीतला अष्टमी की पूजा करने का सही मुहूर्त, शीतला अष्टमी पूजा, शीतला अष्टमी की पूजा कैसे की जाती है। 

यह तो हम सभी जानते हैं कि भारत में विभिन्न संप्रदाय और धर्म के लोग निवास करते है। वहीं विभिन्न समुदाय के लोगों की भाईचारे, बंधुत्व और एकता की भावना के कारण आज भी भारत की सांस्कृति बनीं हुई है। भारतीय संस्कृति के अंदर सभी त्योहारों का कोई न कोई विशेष महत्व प्रदान किया गया है जिसके आधार पर उस त्यौहार की पूजा पूर्ण विधि विधान के साथ की जाती है। जिसके कारण भारतीय हिंदू संस्कृति आज भी देखने को मिलती है। क्योंकि भारत के लोग सभी त्योहारों को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं।

आइए जाने शीतलाष्टमी क्यों मनाते हैं।।

बैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को शीतला माता की पूजा की जाती है। शीतला देवी की पूजा चेचक निकलने की प्रकोप से बचने के लिए की जाती है यह प्राचीन मान्यता है की जिस घर की महिलाएं शुद्ध मन से इस व्रत को करती हैं उस परिवार को शीतला माता धन-धान्य से पूर्ण एवं प्राकृतिक आपदाओं से दूर रखती है।

इस पर्व को बसौडा भी कहते हैं बसौडा का अर्थ है बासी भोजन। इस दिन भर में ताजा भोजन नहीं बनाया जाता है एक दिन पहले ही भोजन बना लेते हैं क्योंकि चेचक या माता निकलने जैसे रोग से बचने के लिए शीतला माता की पूजा की जाती है। इस दिन गरम चीज बनाने से इन बिमारियों को ज्यादा प्रभावित करती है। शीतला माता का पूजन करने के बाद घर के सब व्यक्ति बासी भोजन को खाते हैं जिस घर में चेचक से कोई बीमार हो उसे यह व्रत नहीं करना चाहिए। ( शीतलाष्टमी स्पेशल 2021 )

Read Also :- New Year Wallpapers 2022 , Happy New Year Images 2022

शीतला अष्टमी की पूजा-अर्चना।

शीतलाष्टमी हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है शीतला अष्टमी ही पूजा होली के सात या आठ दिन बाद की जाती है। शीतला अष्टमी की पूजा पूर्ण विधि विधान के साथ की जाती है और शीतलाष्टमी की पूजा सोमवार या शुक्रवार को छू जाती हैं शीतलाष्टमी की पूजा करने से पहले पूरे घर में शुद्धता को ध्यान में रखकर शीतला माता की पूजा की जाती है क्योंकि शीतला माता शीतल वातावरण को सर्वाधिक प्रिय है। शीतलादेवी को ठंडा भोग लगाया जाता है

जिसके लिए शीतला अष्टमी के 1 दिन पहले देवी को भोग लगाने के लिए संपूर्ण व्यंजन बना दिए जाते हैं और दूसरे दिन शीतला माता को ठंडे व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। और इस दिन घर के सभी सदस्य बासी भोजन को खाते हैं ओर इस दिन घर में चूल्हा नहीं जलाया जाता है। शीतलादेवी माता को प्रसन्न किया जाता है जिसकी वजह से माता निकलना, चेचक, दुर्गंध युक्त फोड़े ,नेत्र विकार आदि रोगों से शीतला माता के द्वारा मुक्ति प्रदान की जाती है और शीतल वातावरण को उत्पन्न किया जाता है ।

Important Link 
Join Our Telegram Channel 
Follow Google News
Join WhatsApp Group Now

Leave a Comment

UIDAI से अपना नया आधार कार्ड PVC पर आर्डर देने के लिए क्या करे, देखे अधिक जानकारी