अल्जाइमर रोग क्या है : दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल में अल्जाइमर रोग के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें
अल्जाइमर रोग क्या है संपूर्ण जानकारी हिंदी में
वैसे तो व्यक्ति तरह-तरह की बीमारियों से ग्रसित होता है ।और कहीं ना कहीं व्यक्ति को बीमारी का स्वरूप या लक्षण नहीं पता होते हैं। जिस कारण जल्द से जल्द उसका इलाज संभव नहीं हो पाता है। परंतु यदि व्यक्ति को इस बात का ज्ञान ही ना हो कि उसे कोई बीमारी हुई है तो ऐसे में व्यक्ति के साथ -साथ उसके आसपास के लोगों की परेशानी बढ़ जाती है ।ठीक ऐसे ही बीमारी एक बीमारी अल्जाइमर के रूप में उभरी है ।इसमें व्यक्ति बातों को भूलने लग जाता है ।अपनों की पहचान उसकी स्मृति से मिट जाती है। इसके साथ ही उसे अपने दुख का कारण भी नहीं पता होता है ।
अल्जाइमर एक प्रकार की न्यूरोडिजनरेटिव बीमारी होती है। इसकी गिरफ्त में आए व्यक्ति की संज्ञानात्मक क्षमता के साथ ही दैनिक जीवन सभी क्रियाएं बाधित होती है। इसमें व्यक्ति की याददाश्त पहले की अपेक्षा कमजोर हो जाती है। इसके अतिरिक्त उसे मानसिक कार्यों के क्रियान्वयन के समय जटिलता उत्पन्न होती है।
इसकी की चपेट में आए व्यक्ति के मस्तिष्क की कोशिकाएं का स्वतः निर्माण होता है ।इसके साथ ही वह खुद-ब-खुद खत्म होने लगती है। जिसके परिणाम स्वरूप व्यक्ति को चीजें याद नहीं रहती और उसके मानसिक कार्य में भी बाधा खड़ी हो जाती है।
अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति में पाए जाने आम लक्षण :
1.अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति को अपने दिन प्रतिदिन कार्यशैली में परेशानी होती है।
2.अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति को फोन मिलाने या अन्य कार्य उसे याद नहीं रहते।
3.अपने द्वारा लिया गया फैसला वह भूल जाता है।
5.चीजों को पूर्व निर्धारित जगह पर रखना भूल जाता है।
6.इतना ही नहीं धीरे -धीरे आम बोलचाल के शब्द भूलने लग जाता है।
7.बातचीत करते समय शब्दों में रुकावट आ जाती है।
8.यदि वह किसी उद्देश्य से घर से बाहर निकला है। तो यहां तक कि वह गली मोहल्ले को भी याद रखने के सक्षम नहीं रहता,
पहले की अपेक्षा उसके व्यवहार में भी परिवर्तन देखा जा सकता है।
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अल्जाइमर रोग का निदान किस प्रकार संभव है ?
अब तक अल्जाइमर रोग का निदान नहीं मिल सका है ।अतः यह कहा जा सकता हैं। यह स्वयं डॉक्टर इस मर्ज का का इलाज रोगी के साथ जीवन पर्यंत रहता है ।डॉक्टर का अनुसार व्यक्ति के जीवित रहते अल्जाइमर का निदान कर पाना असंभव है। मृत्यु के उपरांत माइक्रोस्कोप के द्वारा मस्तिष्क की संरचना की बारीकी से जांच करते हैं। इतना ही नहीं इससे मस्तिष्क की स्थिति वा अन्य प्रकार की व्याधियों का पता लगाया जा सकता है ।जिसमें अल्जाइमर की भांति ही लक्षण पाए जाते हैं।
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अल्जाइमर से बचाव एवं रोकथाम :-
यह विशेष तौर पर उम्र के बढ़ने पर यह रोग व्यक्ति को अपने गिरफ्त में लेता है ।इसके पीछे गलत खानपान दैनिक जीवन में होने वाले परिवर्तनों के कारण आजकल युवा वर्ग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। इससे बचने के लिए व्यक्ति को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:
1.जिस किसी में आपको अल्जाइमर के लक्षण दिखाई दे रहे हो ,सर्वप्रथम उसे डॉक्टर के पास ले जाकर परीक्षण कराएं।
2. हालांकि इस रोग के बारे में रोग का कोई स्वरूप नहीं पता होता, ऐसे में सर्वप्रथम रोग का पता लगाना ही इस समस्या से निवारण है।
3. अल्जाइमर रोग से बचने के लिए व्यक्ति को अपने दिनचर्या में योग अवश्य शामिल करना चाहिए। इसके साथ ही व्यायाम भी करें।
4. अल्जाइमर के पीड़ित व्यक्ति को अपने आहार में पौष्टिक आहार को प्राथमिकता देनी चाहिए।
5. यदि लंबे समय से व्यक्ति किसी अवसाद से पीड़ित हैं ,तो उसका विशेष रुप से ध्यान रखें, उसे किसी भी दशा में अकेला ना छोड़े।
6. इसके अतिरिक्त यदि व्यक्ति अन्य बीमारियों से ग्रसित है ,तो उसका भी इलाज कराते रहे ।
5. अल्जाइमर से ग्रसित व्यक्ति को किसी भी प्रकार की बुरी लत को छोड़ देना चाहिए ,जैसे कि तंबाकू एवं मदिरा के सेवन से बचे।
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