अपेंडिक्स शरीर के आंतरिक अंगों में होने वाली एक बीमारी है ।अपेंडिक्स नाम की एक पतली एवं छोटी सी हमारे शरीर में ट्यूब होती है ।इसकी लंबाई सामान्य 2 से 3 इंच तक होती है। अपेंडिक्स बड़ी आंत में जहां शारीरिक अपशिष्ट बनता है। वहां यह आंत से पूर्णता जुड़ी होती है। अपेंडिक्स की गिरफ्त में आए व्यक्ति को आकस्मिक रूप से दर्द होता है ।इसमें होने वाले दर्द को अपेंडिसाइटिस के नाम से जानते हैं।Appendicitis Early Symptoms, Causes And Treatment , अपेंडिक्स के लक्षण, कारण, उपचार, इलाज , Appendicitis Ke Karan, Lakshan, ilaj, Dawa Aur Upchar Hindi Me , अपेंडिक्स के लक्षण इन हिंदी बताये
अपेंडिक्स के दो प्रकार होते हैं
- एक्यूट
- क्रोनिक
अपेंडिक्स के लक्षण:-
1)अपेंडिक्स के रोगी को प्रारंभिक तौर पर बुखार आता है।साथ ही इससे ग्रसित व्यक्ति को जी मचलने एवं उल्टी भी की शिकायत होती है।
2)रोगी के पेट में गैस की समस्या उभर कर आती है ,साथ ही उसे पहले की अपेक्षा भूख कम लगती है।
3)कभी-कभी गंभीर रूप से पीड़ित व्यक्ति की गैस की समस्या में और अधिक बढ़ोतरी होती है।
4)अपेंडिक्स की गिरफ्त में आए ,रोगी को कब्ज एवं डायरिया के लक्षण देखने को मिलते हैं।
5)रोगी की नाभि के नीचे एवं आसपास के अंगों में आकस्मिक रूप से दर्द की शिकायत होती है ।और यह दर्द का स्थानांतरण भी होता है। जैसे नाभि की दाई और हुई पीड़ा की अनुभूति ना ठहर कर दक्षिण की ओर प्रारंभ हो जाता है।
6) अपेंडिक्स के रोगी को पेट में संक्रमण करने के कारण जीभ में सफ़ेद परत सी जमी हुई दिखाई पड़ती है ।
7)रोग जब चरम पर होता है ,तो रोगी को पहले की अपेक्षा तेज पीड़ा के साथ मितली और उल्टी आना प्रारंभ हो जाता है।
8)रोगी के शरीर में बुखार के कारण कंपन होने लगता है ,बुखार का तापमान 101 से 102 के मध्य होता है।
9)रोगी की नाड़ी की गति 120 प्रति मिनट की गति से कार्य करती है, पेट में सूजन के कारण उभार स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं।
अपेंडिस के रोगी को किस प्रकार से बचाव एवं रोकथाम करना चाहिए:-
1) अपेंडिक्स से पीड़ित व्यक्ति को शराब नहीं पीनी चाहिए।
2)अपेंडिक्स से पीड़ित व्यक्ति को चाय, कॉफी के साथ ही अन्य कार्बोनेटेड ड्रिंक को पीने से बचना चाहिए
3)रोगी को तला हुआ भोजन एवं उच्च कोटि की वसा से बने मांस का सेवन नहीं करना चाहिए।
4)कुछ मसालों में जैसे कि मिर्च और मसाले मुख्य रूप से जो पेट में गैस की समस्या को बढ़ाते का सेवन नहीं करना चाहिए।
5)मिठाई या भोजन में चीनी का सेवन ना करें।
अपेंडिक्स का संभावित इलाज-
सामान्य तौर पर इसका इलाज सर्जरी के द्वारा किया जाता है ।इसके अंतर्गत अपेंडिक्स को शरीर से बाहर दिया जाता है। कुछ शोध इस तथ्य दावा करते हैं कि एक्यूट अपेंटिसाइटिस का इलाज अब एंटीबायोटिक से करने के कुछ मामले अभी हाल में दर्ज हुए हैं ,जिसमें रोगी को सर्जरी से नहीं गुजरना पड़ता। ऐसे में यदि रोगी को रत्ती मात्र का भी अपेंडिक्स होने का संदेह हो रहा है ।तो उसे तत्काल रुप से डॉक्टर से मिलना चाहिए डॉक्टर की सलाह अनुसार इलाज करवाना चाहिए ।देरी करने पर अपेंडिक्स की फटने की संभावना बढ़ जाती है। अपेंडिक्स में किसी प्रकार का फोड़ा निकल आए ,तो उससे छुटकारा पाने के दो ही रास्ते होते हैं।
- फोड़े से मवाद निकालना
- अपेंडिक्स को शरीर से निकालना
अपेंडिक्स का ऑपरेशन:-
अपेंडिक्स की जड़ से समाधान हेतु ऑपरेशन सर्वोत्तम विकल्प है अन्यथा व्यक्ति की परेशानी बनी रहती है।अपेंडिक्स का ऑपरेशन दो प्रकार से किया जाता है
- ओपन सर्जरी
- लेपरोस्कॉपिक सर्जरी
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