सवाईकल कैंसर क्या है , सवाईकल कैंसर के लक्षण , सवाईकल कैंसर के इलाज , सवाईकल कैंसर बचाव व रोकथाम, लक्षण , इलाज , बचाव व रोकथाम
सवाईकल कैंसर क्या है:- गर्भाशय ग्रीवा कैंसर एक प्रकार का कैंसर है जो गर्भाशय की कोशिकाओं में होता है। गर्भाशय के निचले हिस्से में स्थित है जो योनि से जुड़ता है। गर्भाशय ग्रीवा कैंसर का एक प्रमुख कारण है जो महिलाओं में मौत का कारण बनता है। गर्भाशय ग्रीवा कैंसर तब होता है जब गर्भाशय में कोशिकाएं एचपीवी या मानव पेपिलोमावायरस के उच्च जोखिम वाले प्रकारों से संक्रमित होती हैं। अगर सरल भाषा मे समझे तो यह कैंसर औरतों के शरीर मे गर्भ में होने वाला कैंसर है जो मौत का कारण भी बन सकता है। इस लिए इस से बचाव और नियमित समय पर इसके लक्षण देख कर उपचार जरूरी है।
सवाईकल कैंसर के लक्षण:-
- गुप्तांग से बगैर कारण के असामान्य रूप से रक्त का स्त्राव होना सर्वाइकल कैंसर का लक्षण हो सकता है। कैंसर होने की स्थिति में कुछ केशिकाओं की वृद्धि होती है जो आसानी से टूट सकती हैं और रक्त स्त्राव का कारण बनती हैं।
- अगर आपको बगैर किसी कारण के लगातार थोड़ी-थोड़ी देर में बाथरूम जाना पड़ रहा है, तो आपको इस बारे में ध्यान देने की जरूरत है। यह सर्वाइकल कैंसर का प्रभाव हो सकता है।
- संबंध के दौरान जननांगों में दर्द भी सर्वाइकल कैंसर के कारणों में से एक है। इसके अलावा, बंधन के बाद मोटी बदबूदार पदार्थ का स्राव भी इसका एक लक्षण है।
- यदि आप इन सभी लक्षणों के साथ आराम करने के बावजूद बहुत थका हुआ महसूस करते हैं, तो अपने डॉक्टर को दिखाएं इस प्रकार के कैंसर में, लाल रक्त कोशिकाओं का नुकसान होता है और एनीमिया की संभावना बढ़ जाती है।
- पीरियड्स अनियमित समय पर आना और बहुत जल्दी जल्दी आना।
- पीरियड्स में सामान्य से ज्यादा ब्लड का रिसाव होना।
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सवाईकल कैंसर के इलाज:-
1.) सवाईकल स्क्रीनिंग- नियमित सवाईकल स्क्रीनिंग केंसर के लक्षणों का शुरवात में ही पता लगाया जा सकता है। इस से कैंसर को बढ़ने से पहले ही रोक जा सकता है और नियमित रूप से इलाज हो कर बचा जा सकता है।
2.) ह्यूमन पॉपीलोना वायरस वैक्सीन- एचपीवी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए इसे 11 से 15 साल की लड़कियों में भी एचपीवी वैक्सीन जरूरी बताई गई है। पैप – स्मीयर जांच से पहले वीएसआई स्क्रीनिंग भी जरूरी है। एचपीवी तीन चरणों में होने वाला वैक्सीनेशन है, जिसे पहली एक महीने, फिर दूसरी और तीसरी डोज छठे महीने में दी जाती है।
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3.) सर्जरी- कैंसर की दूसरी स्टेज में उन अंगों को निकाल दिया जाता है जो अंग कैंसर से प्रभावित होते है। इसमें गर्भाशय और उसके आसपास के टिशू को निकल दिया जाता है। इसमें अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, और लिम्फ नोड्स भी हटाये जा सकते है।
4.) कीमोथेरेपी- कीमोथेरेपी से भी सरवाइकल कैंसर का इलाज होता है। कीमोथैरेपी में विषाक्त दवाओं का इस्तेमाल होता जिससे कैंसर की कोशिकाओं को मारा जाता हैं।
सवाईकल कैंसर बचाव व रोकथाम:- सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए बाजार में एक वैक्सीन उपलब्ध है जिससे इसका बचाव हो सकता है। विदेशों में वैक्सीनेशन प्रोग्राम में इसे आवश्यक बना दिया है। भारत में भी यह दवा मुफ्त में उपलब्ध है। इसका प्रयोग 10 साल से लेकर 40 साल तक की महिलायें कर सकती हैं। इसकी तीन खुराकें दी जाती हैं। गाइनीकोलॉजिस्ट भी इसे लेने की सलाह देते हैं। इंटरकोर्स से पहले लेने पर यह अधिक प्रभावी होती हैं। इसलिए इस वैक्सीन के बारे में विस्तार से जानकारी लें और इसका प्रयोग करें।
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