चिकन पॉक्स क्या हैं : दोस्तों आज हम आपको चिकन पॉक्स बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें
कुछ बीमारियां मौसम के बदलते ही दस्तक देना शुरू हो जाती हैं। उन्हीं बीमारियों में एक बीमारी है। चिकन पॉक्स यह किसी प्रकार से रोगी को विशेष क्षति नहीं पहुंचाती ,परंतु लापरवाही के चलते कभी-कभी रोगी की जान पर बन आती है ।
मूल रूप से या 10 से 40 आयु तक के लोगों को अपने शिकंजे में लेती है। चिकनगुनिया का प्रभाव रोगी को अगले 7 दिनों तक काफी तेज होता है ।
चिकुनगुनिया से ग्रसित व्यक्ति दूसरा व्यक्ति भी संपर्क में आने से संक्रमित हो सकता है ऐसे में चिकुनगुनिया के मरीज से थोड़ी दूरी परिवार के अन्य सदस्यों को बना लेना चाहिए
चिकन पॉक्स क्या हैं चिकन पॉक्स कैसे होता है।
यह चिकन पॉक्स एक वायरस के कारण फैलता है ।वेरीसेला जोस्टर नाम का विषाणु रोगी के पूरे शरीर में फुंसियां के रूप में उभरकर आता है शरीर में उमरिया छोटी फुंसियों खुजली निरंतर होती रहती है इसमें हल्का-फुल्का दर्द भी बना रहता है धीमी गति से या शरीर को दुर्बल बना देता है ।इसके साथ ही व्यक्ति को बुखार भी आता है ।खास बात तो यह है ,कि वायु एवं संक्रमित व्यक्ति के की खांसने से भी वायरस स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश ले लिया है
चिकन पॉक्स के लक्षण
1.बहुत अधिक गर्मी पड़ने से व्यक्ति का शरीर प्रभावित होता है जैसे कि मानव शरीर में आंख में फोड़ा हो जाता है जो धीमी पूरे शरीर में दाने के रूप में उभर कर आता है।
शरीर में लाल रंग के दाने जो उभर कर आते हैं उसमें निरंतर खुजली होती रहती है
2.चिकन पहुंच से संक्रमित व्यक्ति के शरीर में जगह जगह पर छोटे छोटे दाने उभर आते हैं
3.त्वचा पर इन दानों के जाते ही दाग धब्बे हो जाते हैं
4.चिकन पॉक्स इससे ग्रसित व्यक्ति को तेज बुखार के साथ सिर दर्द और ड्राई कफ की समस्या लंबे समय तक बनी रहती है
रोगी के पूरे संपूर्ण शरीर में ऐठने लग जाता है ।
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बचाव एवं उपाय
1.प्रारंभिक लक्षण तत्काल रुप से डॉक्टर से संपर्क करें
2.यदि व्यक्ति चिकन पॉक्स की गिरफ्त में है ।तो उसे इस बात का विशेष ध्यान देना चाहिए ,कि वह अन्य व्यक्तियों से किसी प्रकार से संपर्क ना करें ,जिससे कि स्वस्थ व्यक्ति इसकी चपेट में ना आ जाए।
3.जितना अधिक संभव हो संक्रमित व्यक्ति को घर के अंदर ही रहना चाहिए।
4.चिकन पॉक्स से पीड़ित व्यक्ति आसपास स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए।
5.बच्चों को बचाने के लिए टीकाकरण प्रभावी उपाय है, यह चिकन पॉक्स के खतरे को खत्म करने में सर्वाधिक अच्छा विकल्प है।
चिकन पॉक्स से बचने के लिए इलाज-
प्रायः देखा गया है ,कि चिकन पॉक्स सामान्य रूप से 1 -2 सप्ताह के भीतर पूर्ण रूप से ठीक हो जाता है ।उसके बाद रोगी के शरीर में कमजोरी हो जाती है ।साथ ही त्वचा पर खुजली की शिकायत बनी रहती है। इसके निदान हेतु आप डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं ।चिकन पॉक्स अब तक कोई इलाज नहीं मिल सका है ।परंतु टीकाकरण के माध्यम से इस पर लगाम लगाई जा सकती है।
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