जीरे की खेती किसान कमा रहे है लाखों रुपए,जाने कैसे | Cumin Cultivation in Hindi: मसालों के तौर पर की जाने वाली जीरे की खेती भारत में सबसे लोकप्रिय खेती में से पानी देती है और बड़े पैमाने पर भारत में खीरे की खेती का उत्पादन होता है जीरे का इस्तेमाल कई रूपों में होता है सब्जी या फिर अन्य वेज नॉनवेज की डिश डाला जाता है सबसे स्वाद और सबसे अद्भुत जीरे की खेती किसानों के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है इसके अलावा जीरा हमारे स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक है जैसा कि हमने बताया जीरा एक मसाला फसल है और यह स्वास्थ्य के लिए और कई बीमारियों को बचाने में मदद करता है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जीरे की मांग काफी बढ़ रही है किसान को जीरे की खेती उन्नत किस्मों और वैज्ञानिक विधि द्वारा करते हैं आज के इस लेख में हम आपको जीरे की खेती के बारे में बताएंगे साथ ही जीरे की खेती कर कैसे लाखों रुपए कमा सकते हैं उसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी शेयर करेंगे
जाने कौनसे राज्य में जीरे की खेती की जाती है | Konse State Main Jire Ki Kheti Hoti Hain
- जैसा कि आपने बताएं जीरे की खेती भारत में काफी लोकप्रिय है और लगभग देश का कुल 80% जीरा उत्पादित किसानों द्वारा किया जाता है
- इसमें 28% जीरे का उत्पादन सिर्फ अकेले राजस्थान राज्य में ही होता है आपको बता दें भारत में सबसे ज्यादा जीरे की खेती गुजरात और राजस्थान में की जाती है
- इसके अलावा पश्चिमी क्षेत्र में 80% जीरा उत्पादन क्षेत्र माना जाता है भारत में लगभग जीरे की उन्नत किस्में होगा का उत्पादन क्षमता को 50% तक बढ़ा दिया गया है
- इसीलिए भारत खीरे की खेती का सबसे बड़ा उत्पादक देश भी माना जाता है
जाने जीरे की बुवाई का उचित समय कौनसा है?
- जीरे की बुवाई पूरे देश में लगभग 15 से 20 नवंबर के बीच की जाती है
- और एक हेक्टेयर में लगभग 12 से 15 किलोग्राम की दर से बीजों की जरूरत पड़ती है
- बुवाई से पहले जीरे के बीज को उपचारित करना बेहद जरूरी होता है
- क्योंकि अच्छी फसल के लिए यह विधि करना बेहद जरूरी है
- इसके बीजों के उपचार के लिए 4 ग्राम ट्राइकजोडरमाबेडी भी शामिल किया जाता है
- जिसे जीरे में किसी भी प्रकार का रोग न हो,
- जीरे की बुवाई अधिकतम किसान छिडक़ाव विधि से करते हैं
- ताकि जीरे की फसल अच्छे से विकसित हो सके
जाने कब जीरे की सिंचाई करना जरुरी है | Jire Ki Sinchai Kab Kare in Hindi
- किसानों को जीरे की सिंचाई में ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है
- क्योंकि जीरे की अच्छी फसल की भी बहुत जरूरी है
- जीरे की फसल में पहली सिंचाई बीजों की बुवाई के तुरंत बाद की जाती है
- ताकि फसल अच्छे से विकसित हो सके, सिंचाई में पानी का दबाव हल्का होना चाहिए
- ताकि जीरे के पौधों को नुकसान ना पहुंचे
- दूसरी सिंचाई बुवाई से 15 दिनों के भीतर की जाती है
- जीरे की खेती को कुल 7 सिंचाई की जरूरत पड़ती है
- सात सिंचाई के भीतर जीरे अच्छे से विकसित हो जाते हैं
- आपको सिंचाई करते समय एक बात का जरूर ध्यान रखें कि
Conclusion:- दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने जीरे की खेती के बारे में दिलचस्प और महत्वपूर्ण जानकारी दी हम उम्मीद करते हैं, कि आपको आज का यह आर्टिकल आवश्यक पसंद आया होगा, और आज के इस आर्टिकल से आपको अवश्य कुछ मदद मिली होगी। इस आर्टिकल के बारे में आपकी कोई भी राय है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं
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