इबोला कैसे होता है : दोस्तों इबोला भी एक प्रकार का बहुत खतरनाक रोग है, तो आज हम आपको इबोला के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। साथ में इबोला के लक्षण उपचार और बचाव व रोकथाम के बारे में बताएंगे।
इबोला कैसे होता है लक्षण, उपचार, बचाव व रोकथाम
इबोला एक विषाणु जनित संक्रमित रोग है ।यह बेहद ही खतरनाक रोग है।इसका कारण यह भी है कि इसकी विषाणु की उत्पत्ति जानवरों से हुई। मूल रूप से इसका संक्रमण जानवरों में होता है। जानवरों के माध्यम से इंसान के शरीर में पहुंचा ।विशेषज्ञों के अनुसार मुख्य तौर पर यह संक्रमित जानवरों के शरीर में होने वाले स्त्रावण से मनुष्य के संपर्क में आया। इबोला के संक्रमण में वाइबोलाविषाणु जिम्मेदार है ।वर्तमान समय की बात करें तो अब तक उसके निदान हेतु कोई विशेष उपलब्धि नहीं मिली है। ऐसे में डॉक्टरों की निगरानी में ही इलाज संभव है
इबोला के लक्षण
1.इनमें से ग्रसित व्यक्ति को उल्टी की शिकायत आमतौर पर होती है
2.इसके अतिरिक्त रोगी की कान, नाक, मुंह से खून बहने लगता है।
3.रोगी के पेट में निरंतर दर्द बना रहता है।
4. रोगी को कमजोरी महसूस होती है, इसके साथ ही फ्लू जैसे लक्षण परिलक्षित होते हैं।
5. शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द बना रहना।
6. शरीर के विभिन्न हिस्सों में फुंसी निकला आना भी ईबोला की ओर संकेत करता है।
इबोला नामक वायरस से कैसे बचे ?
जैसा कि आप सभी जानते हैं ,किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय है, कि स्वयं को संक्रमित व्यक्ति से निर्धारित दूरी पर रहना, इसके अतिरिक्त भी कुछ उपाय हैं ,जिससे आप स्वयं को इस प्राणघातक वायरस से बचा सकते हैं।
1. यदि कोई व्यक्ति इस वायरस की गिरफ्त में आ गया है, तो ऐसे में या आपके लिए बेहद आवश्यक है, कि आप ऐसे व्यक्ति से किसी भी प्रकार का संपर्क ना स्थापित करें ,विशेष तौर पर उसे छुए नहीं।
2. इबोला से पीड़ित व्यक्ति के देखभाल करते समय एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए, कि आप उसके पसीने ,लार ,खून के रूप निष्कासित पदार्थों स्वयं को बचा के रखे।
3. मांस का सेवन करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें की उपर्युक्त मांस में कहीं इबोला वायरस का संक्रमण ,तो नही है।
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इबोला का इलाज क्या है ?
ईबोला का अभी तक कोई इलाज नहीं मिल सका है। जबकि इलाज के लिए दवाइयां एवं ड्रग थेरेपी तैयार की जा रही है ,उसका निरंतर ट्रायल किया जा रहा है।
भयंकर बीमारी से निबटने के लिए सतर्कता बेहद आवश्यक है ।व्यक्ति को चाहिए ,वह उस स्थान का तुरंत त्याग कर दे, जहां पर इसका संक्रमण हो, जिससे कि अन्य व्यक्ति संक्रमण ना फैले। ऐसा भी संभव है ,कि कुछ लोग इस भयंकर बीमारी के गिरफ्त में आ चुके हो, ऐसे में हमें चाहिए कि उनका सावधानीपूर्वक ध्यान रखने के साथ ही इलाज कराएं और स्वयं भी एक दूरी बनाकर की देखभाल करें।
इसके संक्रमण में रोगी को पानी की कमी होना आम बात है। इसलिए इलाज के तौर पर द्रव्य नसों के माध्यम से शरीर में पहुंचते हैं रक्त में ऑक्सीजन एवं ब्लड प्रेशर दोनों का संतुलन होना बेहद अनिवार्य होता है ,क्योंकि इसके द्वारा ही शरीर के अंग कार्य करते की ऊर्जा प्राप्त करते है । इबोला संक्रमण के दौरान रोगी का शरीर संक्रमण से लड़ रहा होता है।
रोगी के साथ ही साथ स्वास्थ्य कर्मियों को भी चाहिए कि वह रोगी का इलाज करते समय संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में ना आए और यथासंभव स्वयं को बचाने के लिए मास्क एवं सुरक्षित रूप से स्वयं को ढक लें।
जैसा कि हम सभी जानते हैं ,कि यह एक प्राणघातक रोग है ,इसलिए ईबोला के लक्षण परिलक्षित होते ही हमें चाहिए ,कि जल्द से जल्द उसे डॉक्टर की निगरानी में रख दे ,इससे जी रोगी की जीवन रेखा में वृद्धि हो सकती है।
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