गिलोय क्या है और इसके औषधीय गुण एवं फायदे : दोस्तों आपने कई बार गिलोय के बारे में सुना होगा और इसके फायदे के भी बारे में जानते होंगे। लेकिन आपमे से बहुत लोगों को गिलोय के बारे में नहीं पता है और इसके क्या क्या फायदे होते हैं आज के इस आर्टिकल में हम आपको गिलोय से होने वाले अनेक लाभ और इसका प्रयोग कैसे किया जाता है। इसके बारे में इस आर्टिकल में पूरी जानकारी देंगे। अधिक जानकारी के लिए आपको इस लेख को अंत तक बढ़ना होगा तभी आपको गिलोय से होने वाले फायदे के बारे में पता चल पाएगा।
कोरोना के लिए बहुत ही उपयोगी एवं फायदेमंद काढ़ा है गिलोय कोरोना जैसी गम्भीर महामारी में इम्युनिटी बूस्टर का काम कर रही है जो आपके रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करेगी।
गिलोय क्या है
यह गिलोय एक प्रकार का औषधीय वृक्ष है जिसके पत्ते कड़वे कसैले होते हैं। गिलोय कभी ना सूखने वाली लता है। इसके तने को देखने पर रस्सी जैसा नजर आता है। किलो के वृक्ष पर आपको पीले कलर के फूल मिलते हैं तथा इसके पत्ते पान के आकार के होते हैं यदि इसके फल के बात करें तो यह टमाटर के दाने जैसे नजर आते हैं।
सबसे अच्छी बात है इस पेड़ की यह है कि इसकी तना जिस पेड़ पर जाती है। उसी के गुण अपने में समाहित कर लेती है। यदि इसकी तना नीम के वृक्ष पर चली जाए तो सबसे अधिक गुड़कारी मानी जाती है। गिलोय हानिकारक बैक्टीरिया से लेकर पेट की कीड़ों को खत्म कर देती है। इसके अलावा टीबी जैसी हानिकारक बीमारी के जीवाणु बनने वाले को भी खत्म कर देती है।
गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए सामग्री
- दो कप पानी
- गिलाय के एक-एक इंच के 5 टुकड़े
- एक चम्मच हल्दी
- 2 इंच अदरक का टुकड़ा
- 6-7 तुलसी के पत्ते
- स्वादानुसार गुड़
गिलोय का बनाने का तरीका
- सबसे पहले एक पैन में 2 कप पानी को मीडियम आंच पर उबलने के लिए रख दें
- अब इसमें बाकी सभी सामग्री को डालें और गिलोय भी डाल दें. अब धीमी आंच पर इसे पकने दें
- जब पानी आधा रह जाए और सभी चीजें अच्छे से पक जाएं तो गैस बंद कर दें
- किसी कपड़े या छन्नी से इसे छानकर कप में डालें और चाय की तरह पीएं
गिलोय से क्या क्या फायदे है
गिलोय से कई प्रकार के फायदे होते है जिनका प्रयोग हम औषधीय के रूप में करते है।
कान की बीमारी में गिलोय का प्रयोग
कान के दर्द होने पर आप गिलोय के २ से ३ पत्ते को गले को घिसकर इसको गुनगुने पानी में मिला ले। इसके बाद २ से ३ बूंद कान में डाले। कुछ समय बाद कान के गंदगी साफ हो जाती है। इसके अलावा दर्द आदि भी बंद हो जाता है।
आंखो के रोग में गिलोय का उपयोग
किसी भी प्रकार के आंख के रोग के लिए आप गिलोय की १० मिली बूद को १ ग्राम सेंधा नमक और १ ग्राम शहद में अच्छी प्रकार से मिला ले। अब इसको आप आंखो में काजल की तरह लगाए। इसके चुभन, अंधेरा छाना, कला और सफेद मोतियाबिंद जैसे रोग ठीक हो जाते है।
इसके अलावा आंखो की रोशनी बढ़ाने के लिए आप त्रिफला मिलाकर काढ़ा बनाएं। आप १० से २० मिली काढ़ा में एक ग्राम पीपली चूर्ण और शहद को मिलाकर सुबह-शाम इसका सेवन करें तो आपके निश्चित ही आंखों की रोशनी बढ़ जाएगी।
हिचकी को रोकने के लिए गिलोय का प्रयोग करें
हिचकी रोकने के लिए आप गिलोय तथा सोंठ के चूर्ण को नसावर की तरह सुनने पर हिचकियां आना बंद हो जाती हैं। इसके अलावा आप गिलोय चूर्ण और सोठ के चूर्ण को मिलाकर इसको दूध के साथ पीने से भी हिचकी आना बंद हो जाती है।
गिलोय से आप उल्टी को भी रोक सकते है
अगर आपको एसिडिटी के कारण उल्टी हो रही हो तो आप गिलोय के रस में तीन-चार मिश्री को डालकर सुबह शाम इसका सेवन करेंगे तो आप को उल्टी आना बंद हो जाएगी। साथ ही में आप गिलोय की चटनी में १२५-२५० में १५ से ३० ग्राम सहद मिला ले। इसका सुबह-शाम सेवन करने से आपको उल्टी आना बंद हो जाएगी।
गिलोय से बवासीर बीमारी का इलाज
बवासीर जैसी बीमारी भी गिलोय से ठीक हो जाती है। इसके लिए आपको गिलोय और धनिया के बराबर भाग लेकर आधा लीटर पानी में पका ले। जब पानी एक चौथाई रह जाए तो इसको उबालकर काढ़ा बना लें। अब इसमें गुड को मिलाकर इसको सुबह शाम पीने से बवासीर जैसी बीमारी खत्म हो जाती है।
मूत्र रोग में गिलोय का उपयोग
कई लोगो को रुक रुक कर पेशाब आने की समस्या होती है। जिसके कारण वो लोग काफी परेशान रहते है। इसके लिए आप गुडूची के १०-२० मिली रश में २ ग्राम पाषाड भेद चूर्ण और एक चमच शहद को मिला ले। इसका दिन में३ से ४ बार इसका इस्तेमाल करे। ऐसा करने से आपको पेशाब में हो रही दिक्कत में काफी राहत मिलेगी।
फाइलेरिया में गिलोय का प्रयोग कैसे करे
हाथीपांव को रोकने के लिए आप गिलोय के रस में १० से २० ग्राम सरशो के तेल में मिला ले। अब इसको सुबह शाम डेली खाली पेट पीने से फाइलेरिया में आराम मिलता है। और इसका नियमित सेवन करने से यह रोग ठीक भी हो जाता है।
गिलोय से नुकसान
एक तरफ जहां गिलोय के वृक्ष अधिक फायदेमंद है वहीं दूसरी तरफ इसके कुछ नुकसान भी हैं गिलोय का सेवन डायबिटीज वाले मरीजों को नहीं करना चाहिए। इसके अलावा गर्भावस्था में भी इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
गिलोय कहा पाया व उगाया जाता है
गिलोय भारत में लगभग सभी स्थानों पर पाई जाती है। यह असम, बिहार, कर्नाटक कुमाऊ आदि जगहों पर मिलती है। यह समुद्र तल से लगभग १००० मीटर की उचाई तक मिल जाती है।
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Conclusion
आज के इस आर्टिकल में हमने गिलोय क्या है और इसके क्या क्या फायदे हैं। इसके अलावा इसके नुकसान के बारे में इस लेख में आपको विस्तार से बताया है आशा करते हैं यह लेख आपको पसंद आया होगा। और इस लेख से आपको अवश्य कुछ सीखने को भी मिला होगा।
अगर आपको इस लेख से जुड़ी कुछ समस्या या कोई सवाल है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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