हेपेटाइटिस बी क्या है जानिए विस्तार से हिंदी में

हेपेटाइटिस बी क्या है :  दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल में हेपेटाइटिस बी बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें

हेपेटाइटिस बी क्या है?

यह हेपेटाइटिस के वायरस पांच प्रकार से विभाजित किया गया है ।इससे पीड़ित व्यक्ति की लिवर में जलन एवं संक्रमण के लक्षण पाए जाते हैं ।इसमें से हेपेटाइटिस बी के मरीज सर्वाधिक पाए जाते हैं। हेपेटाइटिस बी क्या है जानिए विस्तार से हिंदी मेंहेपेटाइटिस बी एक प्रकार का लीवर से संबंधित संक्रमण है। यह मूल रूप से हेपेटाइटिस बी वायरस के परिणाम स्वरूप होता है। इसके वायरस लीवर को क्षति पहुंचाते हैं ।यह वायरस का संक्रमण व्यक्ति के शरीर में असुरक्षित यौन संबंध से ,दूसरों पर की गई इंजेक्ट सुई से अन्य लोगों को इंजेक्ट करने से संक्रमण होता है ।इसके अतिरिक्त बहुत अधिक शराब का सेवन करने से भी व्यक्ति इसकी गिरफ्त में आ जाता है।

 

हेपेटाइटिस के लक्षण

 

1.सामान्य तौर पर हेपेटाइटिस से पीड़ित व्यक्ति के लिवर में सूजन उभर आती है।

 

2.भूख ना लगने की शिकायत होना होना

 

3.उल्टी आने की समस्या उभर कर आती है।

 

4.त्वचा के साथ ही आंखें पीली पड़ जाती है।

 

5.हेपेटाइटिस से पीड़ित व्यक्ति के मूत्र के गहरे रंग परिवर्तित हो जाते हैं।

 

6.रोगी को हर समय थकावट की शिकायत रहती है

 

7.इसके अतिरिक्त रोगी में उल्टी के साथ पेट दर्द उभर कर आते हैं।

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हेपेटाइटिस से बचाव के तरीके:

 

1.हेपेटाइटिस से पीड़ित व्यक्ति को मसालेदार भोज्य पदार्थों के साथ ही तैलीय पदार्थों को खाने से बचना चाहिए ,इसके साथ ही मांसाहार का सेवन पूर्ण रूप से बंद कर देना चाहिए।

 

2.हेपेटाइटिस के रोगी को चॉकलेट ,केक, पेस्टी के साथ ही प्लास्टिक के डिब्बों में बंद खाद्य पदार्थों का खाने से पहरेज करना चाहिए।

 

3.हेपेटाइटिस के प्रारंभिक लक्षण मिलते ही डॉक्टर से तुरंत  संपर्क करना चाहिए, क्योंकि थोड़ी- सी  लापरवाही व्यक्ति को गंभीर स्थिति में पहुंचा देती हैं।

 

4.हेपेटाइटिस से ग्रसित व्यक्ति को अपने आहार में पत्तेदार सब्जियां विटामिन से प्रचुर फल, ब्राउन राइस ,नारियल पानी ,पपीता, बदाम एवं इलायची का सर्वाधिक सेवन करना चाहिए।

 

हेपेटाइटिस को ठीक करने के लिए प्रभावी इलाज:

 

1.नवजात शिशु एवं छह माह की अल्प आयु के शिशु में टीकाकरण एक वर्ष की आयु में कराया जाता है। इसका प्रभाव कम से कम 25 वर्ष तक रहता है।

 

2.हेपेटाइटिस बी से बचने के लिए टीके काफी असरदार माने जाते हैं।

3.हेपेटाइटिस से बचने के लिए व्यक्ति को स्वच्छता का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, इसके लिए बेहद आवश्यक है, कि परिवार  प्रत्येक सदस्य बाथरूम जाने के उपरांत भोजन करने से पहले और बाद में हाथ को धुले।

 

4.जैसा कि आपको पता होगा कि हेपेटाइटिस से पीड़ित व्यक्ति को संक्रमण रक्त के द्वारा भी होता है ।ऐसे में इस बात का विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए, कि रक्त को चढ़ाते हुए रक्त की जांच करवा ले, कहीं रक्त हेपिटाइटिस बी संक्रमित व्यक्ति का तो नहीं 

जिसके आप में संक्रमण होने का खतरा तो नहीं  मंडरा रहा।

 

5.टैटू बनवाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें, जिससे आप टैटू बनवा रहा है ,उसके पास लाइसेंस  अवश्य रूप से हो, थोड़ी सी लापरवाही के चलते व्यक्ति हेपेटाइटिस बी की गिरफ्त में आ जाता है।  टैटू बनवाने में प्रयुक्त सुई के द्वारा भी हेपेटाइटिस बी होने का खतरा बढ़ जाता है।

 

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