मनुष्य के ऊतक और मांसपेशियों से मिलकर बना है ऊतको एवं मांसपेशियों में यदि कोई विकार पैदा हो जाए ,तब भी किसी बीमारी का शुरुआत होती है हर्निया एक मांसपेशी एवं उत्तक से संबंधित बीमारी है ।मानव शरीर में पेट में कोई अंग या मांसपेशी अथवा ऊतक छेद के माध्यम से बाहर की ओर उभर आए तो ऐसे पेट संबंधी मांसपेशी विकार को हर्निया के नाम से जानते हैं । हर्निया एक पेट संबंधी रोग है। यह व्यक्ति के ऊपर वाले हिस्से में मध्य में ,ग्रोइन हिस्सों में विकसित हो जाता है। इसमें मूल रूप से आंतरिक अंग प्रभावित होते हैं अतः यह हमें दिखाई नहीं देते परंतु आकस्मिक रूप से तेज होना हर्निया होने के संकेत हैं ।यह प्राण घातक बीमारी नहीं है। परंतु यह स्वतः ठीक भी नहीं होता, हर्निया से निजात पाने के लिए कोकभी-कभी सर्जरी का भी सहारा लेना पड़ता है।हर्निया के लक्षण, कारण, इलाज, दवा , महिलाओं में हर्निया के लक्षण , बच्चों में हर्निया के लक्षण , नाभि-हर्निया के लक्षण , हियातल हर्निया के लक्षण , हर्निया के नुकसान , वंक्षण हर्निया के लक्षण , सर्जरी के बिना वंक्षण हर्निया उपचार , नाभि-हर्निया के उपचार
हर्निया के लक्षण:-
1)हर्निया रोगी को पेट या उसके आसपास के हिस्सों में आकस्मिक रूप से तेज पीड़ा होती है
2)हर्निया से पीड़ित व्यक्ति को जी मिचलाने की शिकायत होती है
3) हर्निया के रोगी को उल्टी होने की शिकायत रहती है।
4)हर्निया से पीड़ित व्यक्ति के शरीर पेट के आंतरिक हिस्सों में सूजन आ जाती है, रोगी को आंतरिक उभार महसूस होता है।
5)हर्निया से प्रभावित हिस्सों के आसपास पीड़ा की अनुभूति होती है।
6)हर्निया के रोगी रोगी को पेट एवं सीने में पीड़ा के साथ जलन महसूस होती है।
7)हर्निया से पीड़ित व्यक्ति को हल्की खांसी एवं छींक आने पर हर्निया से प्रभावित अंगों में पीड़ा होने लगती है।
हर्निया बचाव एवं उपाय:-
1) एक स्वस्थ व्यक्ति को हर्निया से बचने के लिए अपने शरीर पर विशेष रूप से ध्यान रखना होगा ।व्यक्ति को अपना वजन नियंत्रित करना होगा ,अधिक वजन बढ़ने से हर्निया की शिकायत उत्पन्न होती है।
2)व्यक्ति को अधिक भार वाली वस्तुओं को उठाने से बचें, इससे पेट पर सापेक्ष रूप से तनाव उत्पन्न होता है।
3)यदि किसी व्यक्ति को लंबे समय से कब्ज की शिकायत है ,तो उसे अतिशीघ्र इलाज कराना चाहिए इसके अतिरिक्त अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल करना चाहिए।
5)लंबे समय से यदि किसी व्यक्ति को खांसी की शिकायत है ,तो बिना विलंब किए इलाज कराएं ,साथ ही संतुलित भोजन ले। इन छोटी बातों का ध्यान रखने से व्यक्ति हर्निया की बीमारी से निजात पा सकता है।
हर्निया के निदान हेतु प्रभावी इलाज:-
हर्निया के इलाज में कुछ प्रभावी विकल्प मिलावट इस प्रकार है ।
- जीवन शैली में बदलाव
- दवाइयों माध्यम से
- सर्जरी के द्वारा
जीवन शैली में बदलाव-हर्निया से बचने के लिए व्यक्ति को अपने खान पान एवं दिनचर्या पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है। कुछ उपायों से रोगी को काफी हद तक ठीक हो जाता है ।परंतु जड़ से यह समस्या खत्म नहीं होती ।हर्निया से पीड़ित व्यक्ति को अपने खाने-पीने की आदतों में बदलाव करना चाहिए। जैसे कि गरिष्ठ भोजन ना करें ,भोजन के तुरंत बाद आराम ना करें ,अपने वजन को नियंत्रित करें, डॉक्टर से उचित सलाह लेकर कुछ विशेष प्रकार की मांसपेशियों से संबंधित व्यायाम करें, लंबे तक व्यायाम समय तक ना करें।
दवाइयों के माध्यम- यदि आप हाइटल हर्निया से पीड़ित हैं ।तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर के द्वारा दी गई बीमार दी गई दवाइयां पेट में एसिड की मात्रा को कम कर देती है ।इससे रोगी को काफी राहत महसूस होगी
सर्जरी- यदि हर्निया में लगातार बढ़ रही हो तो ऐसे में रोगी को सर्वप्रथम डॉक्टर से मिल कर उचित परामर्श ले ।डॉक्टर यदि सर्जरी को कहे तो ओपन या लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से इसका इलाज कराएं ।
- ओपन सर्जरी
- लैप्रोस्कोपिक
ओपन सर्जरी -इस सर्जरी के दौरान रोगी को पूर्ण रूप से स्वस्थ होने में बहुत अधिक समय लग जाता है। सर्जरी के बाद रोगी को संपूर्ण रूप से 6-7 सप्ताह तक आराम करने की आवश्यकता होती है
लैप्रोस्कोपिक-इस सर्जरी में रोगी को पूर्ण रूप से स्वस्थ होने में कम से कम समय लगता है ।परंतु इसमें रोगी को दोबारा हर्निया होने का खतरा मंडराने की रहता है
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