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मलेरिया की परिभाषा :- मलेरिया मच्छरों द्वारा जनित रोग है ,यह मच्छरों की प्रजाति प्लास्मोडियम परजीवी के काटने से होने वाला रक्त- संबंधी रोग है ।मच्छरों की विभिन्न प्रजातियों में यह एनोफिलीज मच्छर के काटने से यह मनुष्य संक्रमित हो जाता है ।प्लास्मोडियम एक प्रकार का परजीवी है ,जो मनुष्य के शरीर में प्रवेश करके ,शरीर की लाल रक्त कोशिकाओं दूषित एवं नष्ट करने लगता है।यह व्यक्ति के शरीर में कई गुना वृद्धि करता है ।आंकड़ों की माने तो प्रतिवर्ष 18 लाख लोग मलेरिया की चपेट में आते हैं 80 फ़ीसदी मलेरिया से ग्रसित रोगी भारत से ही है। भारत सरकार ने मलेरिया से निपटने के लिए 2027 एवं 2030 की अवधि में इस बीमारी को खत्म करने का संकल्प लिया है।
मलेरिया के प्रकार:-
1.) प्लाजमोडियम वाइवैक्स :- यदि रोगी को बहुत ठंड लगती है ,एवं बाद में उसे सिर दर्द के साथ-साथ वह उल्टियां करने लगे ,ऐसी स्थिति में उसे प्लाजमोडियम वाइवैक्स मच्छर के काटने से संक्रमण हुआ है
2.) प्लाजमोडियम फैल्सीफेरम:- इसमें व्यक्ति को 48 घंटे के समय अंतराल के बाद असर दिखाई पड़ता है ,व्यक्ति को कमर मस्तिष्क हाथ -पैरों में दर्द एवं भूख ना लगने की शिकायत होती है।
मलेरिया होने की स्थिति रोगी के लक्षण:-
1)बुखार के साथ ही साथ रोगी को ठंड लगना ।
2) रोगी को सिर दर्द एवं उल्टी आना।
3)बुखार के उतरते ही तेज पसीना एवं थकान महसूस करना।
4)डायरिया की शिकायत होना।
5)सांस लेने में भी तकलीफ होना।
6) अनियमित रूप से रक्त स्त्राव एवं एनीमिया के लक्षण और कभी -कभी पीलिया के लक्षण भी शामिल है।
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मलेरिया के बचाव एवं उपाय:-
1)घर में पानी जमा न होने दें ,क्योंकि पानी में मच्छर पनपते हैं
2 )ऐसा माना जाता है ,कि मानव का घनत्व एवं मच्छरों का घनत्व दोनों में से किसी एक की दर में कमी आए, तो इस मलेरिया से निजात पाया जा सकता है।
3)मच्छरों के प्रजनन दर पर नियंत्रण करना।
4)मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में दवा का छिड़काव करना।
5)सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें।
6)लहसुन की गंध मच्छरों की दुश्मन मानी जाती है, इसका अधिक से अधिक प्रयोग करें।
7)त्वचा पर लेवेंडर तेल लगाएं ,इससे मच्छर संपर्क में नहीं आते।
8)मच्छरों को खत्म करने के लिए बाजारों में तरह-तरह की क्रीम ,स्प्रे का प्रयोग करें
9)समय-समय पर घर के भीतर कीटनाशक दवा का छिड़काव करें।
10)पानी में क्लोरीन नामक दवा मिलाएं एवं उबालकर पीएं।
11)मच्छरों से बचने के लिए शरीर को पूरी तरह ढककर सोए।
12) मलेरिया से बचने के लिए महीन जालीदार जाली खिड़कियों एवं दरवाजों पर लगाएं जिससे कि मच्छर घर में प्रवेश ना कर सके
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मलेरिया से बचने के लिए उपचार:-
1)आधुनिक समय में मलेरिया की चपेट में आने पर मलेरिया रोहित दवाओं का प्रयोग किया जाता है।
2)मलेरिया में क्लोरोक्वीन एक बहुत ही प्रभावी औषधि है।
3)बुखार होने की स्थिति में व्यक्ति को ब्लड की जांच करानी चाहिए, डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवा ले।
4)दवा लेने की एक निर्धारित अवधि होती है अतः उसका पालन करें ,अन्यथा मलेरिया के चपेट में व्यक्ति दुबारा आ सकता है।
भारत की रणनीति मलेरिया के खिलाफ-
1)1953 में भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम प्रारंभ किए गए, जो घरों में डीटीटी का छिड़काव करने पर केंद्रित था ।उसके परिणाम स्वरूप मलेरिया पर काफी हद तक कमी आई।
2)2005 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की शुरुआत हुई ,इसका उद्देश्य मलेरिया किन कारणों से होता है एवं कैसे करें इस पर नियंत्रण पर बल दिया गया।
3)मलेरिया को हराने के लिए प्रभावी सेवा उन्नत करने के लिए विश्व बैंक ने पिछले 10 को से भारत सरकार की सहायता कर रहा है।