नवरात्रि क्यों मनाई जाती है :- नवरात्री का त्यौहार चैत्र ,आशिवन के महीने में मनाया जाता है लेकिन आमतौर पर यह त्यौहार वर्ष में चार बार मनाया जाता है|दो नवरात्री गुप्त माने जाते है| लेकिन ज्यादा लोग चैत्र और आशिवन के नवरात्री को ज्यादा महत्व देते है| नवरात्री घट स्थपना शुभ मुहूर्त देकर की जाती है| नवरात्री घट स्थपना 9 दिन तक की जाती है | 9 दिन तक माता की पूजा की जाती है| नवरात्री प्रारम्भ होते ही हर घर माता रानी की मूर्ति की स्थपना कर 9 दिन तक माता की मूर्ति की पूजा ,आरधना करते है | माता के सभी भक्त जन अपनी – अपनी आस्था के अनुसार व्रत भी रखते है| और चैत्र और आशिवन माह के नवरात्र को सिद्धि की कामना की जाती है|
नवरात्रा मे किस दिन किस देवी की पूजा करें :– नवरात्रा का त्यौहार बड़े ही धूम – धाम से मनाया जाता है| नवरात्रा के दिनों में देवी दुर्गा माँ की उपसना के लिए नौ दिन तक व्रत रखते है दुर्गा माँ से सुख समद्धि की प्राथना करते है| नौ दिनों तक अलग -अलग देवी की आरधना की जाती है | नवरात्री के पहले दिन शैली पुत्री की पूजा की जाती है |शैल राज हिमालय की कन्या होने के कारण इन्हे शैल पुत्री कहा गया है | माँ शैल पुत्री दाये हाथ में त्रिशूलऔर बाये हाथ में कमल का पुष्प लिए हुए है | इनका वाहन वरसभ है|
दूसरे दिन माँ ब्रहा चारिणी की पूजा की जाती है|
|तीसरे दिन माँ चद्रघंटा ,
चौथे दिन कुष माडा,
और पांचवे दिन संकदमाता ,
छठे दिन माँ कात्यायनी एव सातवेदिन माँ कालरात्री की पूजा की जाती है,
आठवे दिन महागौरी और नौवें दिन माँ सिद्धि दात्री की पूजा की जाती है,
नवरात्रा पहली देवी माता शैल पुत्री-नवरात्रि की पहली देवी मां शैलपुत्री का स्वरूप
नवरात्रि कैसे मनाएं:- पुरे नौ दिनों तक नवरात्रा का आनंद धूम – धाम से लिया जाता है | नौ दिनों तक मंदिरो और घरो ढोल और नगाड़ो के साथ नाच और गायन का आनद लिया जाता और नौवे दिन उत्साह के साथ माता रानी की झांकी निकाले जाती है माता की झांकी नाच -गाने के साथ पुर मोहल्ले और बाजरो में निकाली जाती है इस त्योहार को लोगो के मन एक अलग ही उत्साह होता है माता के कृपा अपने सभी भक्तो हमेसा बनी रहती है | इस लिये प्रेम से बोलो “जय माता दी” सारे और” जय माता दी ” “जय माता दी “
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