पायरिया कारण, निवारण और बचाव

व्यक्ति का शरीर कई कारणों  से विभिन्न बीमारियों कि गिरफ्त में आ जाता  है । ज्यादातर व्याधियों  हमारी लापरवाही के कारण होती है और  हम ना चाहकर उसके चपेट में आ जाते है । उन्हीं में पायरिया की गणना की जाती है ।यह  दांतो से संबंधित एक बीमारी है। इसका निवारण एकमात्र है  दांतो की पूर्ण रूप से स्वच्छ रखना ।यह मूलतः व्यक्ति की लापरवाही के कारण दांतो में हो जाती है ।यदि व्यक्ति दांत ,मुंह एवं जीभ की ठीक ढंग से सफाई नहीं करता, तो मुंह में मौजूद बैक्टीरिया दांतों एवं मसूढ़ों को क्षति पहुंचाना प्रारंभ कर देते हैं। पायरिया  के रोगी को दांतों में अच्छे से पकड़ बनाने के लिए जड़ों की मुख्य भूमिका होती है। परंतु यह जड़ों को ही क्षति पहुंचाते हैं ।कैल्शियम की कमी से भी पायरिया होने के आसार होते हैं ।परंतु यदि हम दांतो को स्वच्छ रखें, इससे बीमारी  को मात दिया जा सकता है।Pyria Kaise Hota Hai , Symptoms Of Pyria , पायरिया के लक्षण इन हिंदी , पायरिया के कारण , पायरिया से बचने के उपाय , Payria Ka Ilaj In Hindi , नॉनसर्जिकल उपचार , स्केलिंग; रूट प्लानिंग; एंटीबायोटिक्स , Payriya Ke Gharelu Upay , पायरिया की घरेलू दवा 

पायरिया के लक्षण:- 

1)पायरिया के रोगी के मुंह से निरंतर तेज दुर्गंध आती है।

2)रोगी के दांतों को मसूड़े पकड़े रहते है मसूड़ों में सूजन उभर आती है  ,यह  क्षीण होकर गिरना प्रारंभ हो जाते हैं।

3)बहुत अधिक ठंड एवं गर्म पीने से दांतों में एवं मसूड़ों में स्वतः संवेदनशील हो जाते हैं।

4)मसूड़ों में मवाद बनने के कारण यह आकस्मिक रूप से निकलता है।

5)मसूड़ों पर उंगली फेरने से दर्द की अनुभूति होती है।

6) रोगी के मसूड़ों से खून निकलता है इससे पायरिया की पहचान की जा सकती है 

7)दांत ढीले पड़ जाते हैं ,एवं दांतों के बीच जगह स्वतः रिक्तता बढ़ जाती है ।दांतो के बीच रिक्तता देखे जा सकते है ।

पायरिया से बचने के लिए कुछ कारगर उपाय:- 

1)पायरिया से पीड़ित व्यक्ति को प्रतिदिन सुबह एवं रात में सोने से पूर्व कम से कम 3 मिनट की अवधि तक ब्रश कर रहा चाहिए ।यह  दांतो और मसूड़ों के लिए बेहद फायदेमंद है।

2)कभी-कभी व्यक्ति को किस प्रकार ब्रश करना चाहिए का भी ज्ञान नहीं होता ,ऐसे में रोगी को डॉक्टर से संपर्क करके इस बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करें।

3)व्यक्ति को जब टूथपेस्ट  का चुनाव कर रहा हो तो उस वक्त फ्लोराइड टूथपेस्ट के साथ ही ब्रश करें अन्यथा मसूड़ों और दांतों की समस्या का हल नहीं होगी ।

4)ब्रश को 3 या 4 माह की अवधि तक ही उपयोग में लाएं एवं उसके बाद बदल ले

5)डॉक्टर का नियमित  से मसूड़ों की जांच करते रहे ।

6)दांतो से संबंधित बीमारी से बचने का सर्वोत्तम विकल्प सही आहार है। भोजन में चीनी का अधिक सेवन ना करें, साथ ही जंग फूड से भी दूरी बना लें, ऐसे भोज पदार्थों के सेवन से दांतों में फ्लॉक जमा होने लगता है ।आगे चलकर यह पायरिया के रूप में उभर कर आता है।

7)स्वस्थ दांतों व मसूड़ों के लिए यह नितांत आवश्यक है ,कि व्यक्ति को धूम्रपान की लत को का त्याग कर देना चाहिए ,सिगरेट एवं तम्बाकू  दोनों ही लत दांतो एवं मसूढ़ों के शत्रु हैं ।इसके सेवन से मुंह में जलन एवं अन्य दांतो से संबंधित परेशानी प्रारंभ हो जाती है

पायरिया के  इलाज के लिए  विभिन्न तरह की तकनीकी का प्रयोग किया जाता है:- 

1.) स्केलिंग या रूट प्लानिंग:- इसके अंतर्गत दांतों और मसूड़ों को पूर्ण रूप से सफाई की जाती है। इस तरह के इलाज के दौरान मशीनों मसूड़ों की लाइन के ऊपर और नीचे हिस्सों में प्लेक और टार्टर की परत को साफ किया जाता है।

2.) एंटीबायोटिक्स के द्वारा: – रोगी के मुख से संक्रमण एवं सूजन के निदान के लिए स्केलिंग और रूट प्लानिंग के अतिरिक्त कुछ दवाइयों को रोगी को इलाज स्वरूप दी जाती है। बाजार में माउथवॉश एवं एंटीबायोटिक के गुणों वाला जैल या फाइबर डॉक्टर उपचार के दौरान रोगी को प्रयोग में लाने के लिए  कहते हैं।

3.) सर्जरी के माध्यम से:- पायरिया जब चरम पर होता है, अर्थात गंभीर रूप से व्यक्ति जब इसकी गिरफ्त में आ जाता है ,तो ऐसे में डेंटिस्ट के पास एक विकल्प मसूड़ों को खोलकर उसे अच्छे से साफ करने की आवश्यकता हो जाती है म

4.) जिंजिवल ग्राफ्टिंग :- किसी कारणवश यदि मसूड़ों के टिशूज की सिलाई के फलस्वरुप मसूड़ों पर यदि इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। ऐसे में डेंटिस्ट के पास एक अन्य उपाय यह होता है, कि वह  खराब मसूड़ों को अलग करके ,मुंह के किसी स्वस्थ हिस्से से  मसूड़ों की सर्जरी के द्वारा निकाल कर हटाए गए ,मसूड़ों पर प्रत्यारोपित कर दे

 

Important Link 
Join Our Telegram Channel 
Follow Google News
Join WhatsApp Group Now

Leave a Comment

2 लाख महीना कमाना है तो शुरू करे यह यूनिक बिज़नेस,अच्छी होगी हर महीने कमाई