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Indian Festival

26 जनवरी को ही क्‍यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस

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Last updated: 2023/01/25 at 8:52 PM
By Knowledge Tour
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26 जनवरी को ही क्‍यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस : 26 January Republic Day, 26 January Ko Kyu Manaya Jata Hai, 26 january 2023 – सभी भारतवासी अपने अपने शहर और गांव की स्कूलों हॉस्पिटल जैसी सभी जगहों पर गणतंत्र दिवस वह बड़े ही उल्लास के साथ मनाते हैं और और इस गणतंत्र दिवस के आयोजन पर किसी ना किसी मुख्य अतिथि को आमंत्रित किया जाता है और उनका स्वागत बड़े ही धूमधाम से नन्हे मुन्ने बालक बड़े ही जोश के साथ करते हैं और राष्ट्रीय गायन नाच आदि की प्रस्तुति देते हैं और उनकी सभा को और बढ़ा देते हैं

Contents
जनवरी को ही क्‍यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस संविधान सभा का निर्माण में उद्देश्य प्रस्ताव भारतीय संविधान का निर्माणसंविधान सभा का कार्यकरण 26 January Republic Day

जनवरी को ही क्‍यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस 

  • भारतीय संविधान का निर्माण सविधान सभा ने किया है संविधान सभा को अपना काम पूरा करने में लगभग 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन लगे हैं लेकिन 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान को पारित घोषित किया गया लेकिन संविधान की कुछ धाराओं को उस दिन लागू कर दिया गया पर संपूर्ण संविधान को 26 जनवरी 1949 को लागू किया गया|
  • 26 जनवरी के दिन हमारा संविधान लागू किया गया था और हमारे देश में पूर्व प्रभुत्व संपन्न लोकतंत्र आत्मक तंत्र की स्थापना की गई। 26 जनवरी को पूरे देश में गणतंत्र दिवस बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है और इसका आयोजन बड़ी ही धूमधाम और भव्यता से किया जाता है इस दिन प्रातः काल होते ही प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति पर जाकर देश के शहीदों के प्रति पुष्पांजलि अर्पित करते हैं और विजय चौक पर मुख्य आयोजन किया जाता है राष्ट्रपति के आयोजन स्थल पर अपने प्रधानमंत्री उनका स्वागत करते हैं
  • 26 जनवरी को मुख्य अतिथि के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाता है वही सामुहिक रूप से खड़े होकर राष्ट्रीय गान को गाकर राष्ट्रीय ध्वज कि शान को बढ़ा दिया जाता है और अपनी वीर भूमि के लिए शहीद हुए जवानों के लिए परेड का भी आयोजन किया जाता है और लोक कलाकारों भी अपनी अपनी प्रस्तुति को प्रस्तुत करते हैं और अलग-अलग जगहों पर झांकियां भी निकाली जाती है
  • 26 जनवरी को सभी भारतवासी गणतंत्र दिवस के रूप में बड़े ही उत्साह के साथ मनाते हैं 26 जनवरी के पर्व को हम लोकतंत्र सबसे जाता मानते हैं 26 जनवरी को रिपब्लिक डे के रूप में भारतीय जनता बड़े ही धूमधाम से सेलिब्रेट करते हैं रिपब्लिक डे के दिन भारतीय जनता लोकतंत्र के इस पर्व के दिन बड़े ही आन बान और शान के साथ भारतीय राष्ट्रध्वज को फहराया जाता है और इस दिन सामूहिक रूप से कार्यक्रम में राष्ट्र ध्वज के साथ-साथ भारतवासी तिरंगा लहराकर राष्ट्रगान उच्चारण बड़े ही सुरीली आवाज के साथ करते हैं और राष्ट्रीय गान के साथ साथ राष्ट्रीय गीत को भी गाते हैं वहीं गणतंत्र दिवस पर देश की राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति के द्वारा संसद भवन में तिरंगा लहराया जाता हैं|

Read Also :- 26 जनवरी को ही क्‍यों मनाया जाता है गणतंत्र दिवस 

संविधान सभा का निर्माण में उद्देश्य प्रस्ताव 

  • संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद ने अपने भाषण में स्वतंत्र भारत के आदर्शों पर प्रकाश डाला और नए भारतीय समाज की रूपरेखा के संबंध में कुछ विचार प्रकट किए हैं उसी के आधार पर भारत में उद्देश्य प्रस्ताव को लागू करने की घोषणा की गई जो 22 जनवरी 1947 को संविधान सभा द्वारा संविधान का उद्देश्य प्रस्ताव पारित किया गया
  • लेकिन पाकिस्तान के निर्माण का निश्चय होने पर प्रारूप समिति द्वारा उद्देश्य प्रस्ताव को प्रस्तावना के रूप में उन्हें लिखा गया इसके अनुसार प्रस्तावना में भारत को संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतंत्र रात में गणना जी बनाने के लिए की घोषणा की गई लेकिन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का कहना है कि किसी विचारधारा को जोड़ना उचित नहीं होगा प्रस्तावना की भाषा अमेरिका के संविधान से मिली है हम भारत की जनता द्वारा सजान का निर्माण किया गया है और गणराज्य के साथ लोकतंत्र शब्द जोड़ने की आवश्यकता भी पड़ी।

भारतीय संविधान का निर्माण

संविधान सभा के प्रमुख सदस्य जिन्होंने संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जैसे पंडित जवाहरलाल नेहरू सरदार वल्लभभाई पटेल डॉक्टर भीमराव अंबेडकर डॉ राजेंद्र प्रसाद के एम मुंशी गोपाल स्वामी आएगा अब्दुल कलाम आजाद अलादीन कृष्णस्वामी पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरुषोत्तम दास टंडन कृष्ण आचार्य आचार्य कृपलानी ठाकुर दास भार्गव आदि ने संविधान सभा के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है और संविधान सभा की प्रथम बैठक सचिन आनंद सिंह की अध्यक्षता मैं 9 दिसंबर 1946 को प्रारंभ हुई थी लेकिन 11 दिसंबर 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को इस सभा का स्थानीय अध्यक्ष चुना गया।

संविधान सभा का कार्यकरण 

  • विधान सभा की प्रथम बैठक 8 दिसंबर 1946 को हुई डॉक्टर सचिचवाय सिंह अस्थाई अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद स्थाई अध्यक्ष निर्वाचित हुए सर्वतो उद्देश्य प्रस्ताव पास कर यह तय कर लिया गया कि भारत एक पूर्ण स्वतंत्र और संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न राज्य होगा और अपनी संविधान का निर्माण करेगा सभा ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर अध्यक्षता में एक कारण समिति सत्ता के अन्य समिति का गठन किया गया
  • जिसमें 11 अधिवेशन हुए और 165 दिन बैठक वी प्रस्ताव संविधान की रिपोर्ट पर 7635 संशोधन पेश किए गए जिनमें से 2103 2103 संशोधनों पर विचार हुआ सभा को अपना काम पूरा करने में लगभग 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे लेकिन 26 नवंबर 1950 को संविधान को पारित किया गया संविधान की कुल धाराएं को उसी दिन लागू कर दिया गया संपूर्ण संविधान को 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था

26 January Republic Day

भारतीय संविधान में राष्ट्रीय ध्वज को सम्मान देने के लिए 26 जनवरी के दिन भारतीय सैनिकों ने अपनी अहम भूमिका निभाई है और भारतीय सैनिको के द्वारा गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज के सामने खाश प्रस्तुति दी जाती है और अपनी वीर भूमि के लिए भारतीय सैनिकों के द्वारा पेरड के रूप में अपनी अपनी देश के प्रति शान को बडा दिया जाते हैं भारतीय सैनिकों के द्वारा ही भारत की शान को और ज्यादा बढ़ावा मिलता है वें भारत की सभी 9 सेनाओं के द्वारा गणतंत्र दिवस के दिन अपने देश के प्रति प्रेम की भावना उत्पन्न होती है और अपने देश की रक्षा को ध्यान में रखकर वह अपने कार्य को बड़े ही सुरक्षा को ध्यान में रखकर कार्य किया जाता है और भारत की सेना अपने देशवासियों के प्रति प्रेम की भावना रखते हैं और भारतीय सेना के द्वारा 26 जनवरी के दिन भारत की राजधानी नई दिल्ली में कुछ खास रूप से प्रस्तुति दी जाती है

 

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Knowledge Tour 25/01/2023 25/01/2023
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