टाइफाइड रोगी का आहार : दोस्तों आज के आर्टिकल में हम आपको टाइफाइड के रोगी को किस प्रकार का आहार लेना चाहिए, उसके बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
टाइफाइड दूषित जल एवं दूषित भोजन करने से व्यक्ति के आंतों में संक्रमण हो जाता है टाइफाइड के रोगी को संक्रमण मुख्य तौर पर दूषित भोजन एवं दूषित पेय पदार्थ के कारण यह जीवाणु स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश ले लेते हैं, उसके पश्चात धीमी गति से रोगी की आं त फिर पूरे शरीर को प्रभावित कर देते हैं । टाइफाइड बुखार में संक्रमण का कार्य सालमोनेला टाइफी नमक जीवाणु फैलता है। रोगी यदि स्वास्थ्य व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो इसका संक्रमण उनको भी हो जाता है ,इसलिए इस रोग में सतर्कता की आवश्यकता अत्यधिक होती है। इसके साथ ही व्यक्ति को अपनी दिनचर्या खानपान एवं साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। दवा ही मात्र विकल्प नहीं है स्वस्थ होने के लिए व्यक्ति को खान-पान एवं योगासन भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
टाइफाइड रोगी का आहार : टाइफाइड होने की स्थिति में आहार स्वरूप क्या खाएं
1)टाइफाइड की प्रारंभिक स्थिति में रोगी को साबूदाना, अखरोट ,पानी मिला दूध ,छेने का पानी इसके साथ ही दो से चार बिस्किट ले सकते है ।
2)टाइफाइड से पीड़ित रोगी को उबला हुआ पानी सर्वाधिक मात्रा में पीना चाहिए।
3)टाइफाइड के रोगी कुछ मौसमी फलों का सेवन करना जिनमें केला ,चीकू, पपीता, सेब ,मौसमी ,संतरा आते है
4)कमजोरी की स्थिति में टाइफाइड के रोगी को किशमिश ,मुनक्का, मूंग की पतली दाल ,दलिया, मक्खन उबला हुआ दूध ,दही आदि का सेवन करना चाहिए।
5)रोगी को आहार में दाल, खिचड़ी हरी पत्तेदार सब्जियां गाजर एवं पपीता खाना चाहिए।
6)टाइफाइड के रोगी को शीघ्र एवं सहज रूप से पचने वाले फलों एवं सब्जियों को अधिक खाना चाहिए जैसे कि पके हुए फल एवं आलू
7)टाइफाइड के रोगी के लिए दही अत्यंत हितकारी है। इसे खाने से भूख बढ़ती है, एवं जलन ठीक होती है ।परंतु यदि रोगी को खासी ,जुखाम ,जोड़ों के दर्द से पीड़ित हो तो ऐसी स्थिति में उसे दही का सेवन करने से बचना चाहिए।
8)यदि व्यक्ति को दस्त की शिकायत है ।तो ऐसी स्थिति में रोगी को एक ग्लास पानी में एक चम्मच ग्लूकोस को भलीभांति मिलाकर रोगी को एक दिन निरंतर पीना चाहिए।
9)टाइफाइड की दवाइयां लेने के साथ ही रोगी को दूध का सेवन करना चाहिए ,क्योंकि दवाइयों में गर्मी होती है। दूध के लेने से रोगी को राहत मिलेगी।
10)टाइफाइड के रोगी के लिए केला बहुत ही अच्छा माना जाता है क्योंकि यह रोगी की कमजोरी को दूर करता है तो को दवाओं के सेवन से पेट की गर्मी को आराम पहुंचाता है
11) टाइफाइड के रोगी को घर में पका हुआ भोजन ही करना चाहिए। यदि फल खा रहे हो ,तो सर्वप्रथम उसे अच्छे से धो ले ,उसके बाद काट कर तुरंत खा ले कटे हुए बचे हुए को लंबे समय के बाद दोबारा नहीं खाना चाहिए।
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टाइफाइड में क्या नहीं खाना चाहिए ?
1)टाइफाइड में अधिक तेलयुक्त, मसालेदार भोज्य पदार्थों एवं मांस का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इनके सेवन से पाचन तंत्र में जटिलता उत्पन्न हो जाती हैं।
2)टाइफाइड के रोगी को शराब ,चाय ,कॉफी आदि चीजों से दूरी बना लेना चाहिए इसके अतिरिक्त रिफाइन से बने भोज्य पदार्थ हानिकर होते हैं ।साथ ही मैदे से बने खाद्य पदार्थ ,ब्रेड केक ,पेस्ट्री आदि को खाने से बचना चाहिए।
3)गंदे पानी में पाए पाली जाने वाली मछलिया एवं अंडो को नहीं खाना चाहिए।जैसा कि हम जानते है ,कि टाइफाइड मुख्य तौर पर संक्रमित पानी एवं भोज्य पदार्थों से होता है।
4)टाइफाइड से पीड़ित व्यक्ति को जंक फूड एवं बाहर के खाद्य पदार्थों से खाने से पहरेज करना चाहिए।
5)टाइफाइड के रोगी को घर में बने भोजन करने चाहिए ,भोजन में पूड़ी ,पराठे ,पिज्जा ,बर्गर आदि को पूरी तरह से खाना बंद कर देना चाहिए।
6)टाइफाइड के रोगी को यदि दस्त की शिकायत है, तो ऐसी स्थिति में उसे दूध, पनीर आदि डेयरी में उपलब्ध उत्पादों को खाने से बचना चाहिए।
7)भोजन बनाते समय घी, तेल, मक्खन ,बेसन ,कटहल का सेवन भोजन बनाने के ना करे ।
8) किसी कारणवश यदि रोगी ने गरिष्ठ भोजन कर लिया हो ऐसी स्थिति में भोजन के साथ पानी तुरंत ना पिए।
8)पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के लिए ,एवं अच्छा स्वास्थ्य पाने के लिए व्यक्ति को कुछ दिन के लिए चपाती भोजन में शामिल नहीं करना चाहिए।
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