वायरल फीवर क्या है , वायरल फीवर के लक्षण , वायरल फीवर के प्रभावी रोकथाम , वायरल फीवर के इलाज
वायरल फीवर क्या है :- ऋतु परिवर्तन के कारण तापमान का अधिक या बढ़ना यह दोनों ही स्थिति का इसका प्रभाव हमारे शरीर पर सापेक्ष रूप से पड़ता है, जिसके कारण व्यक्ति का शरीर का तापमान में भी परिवर्तन आते हैं ,शुरुआती तौर पर यह सामान्य बुखार की तरह होता है ।परंतु ज्यादा लापरवाही के चलते यह अवस्था गंभीर हो जाती है। इसके चपेट में सामान्य तौर पर बच्चे ,वृद्ध एवं गंभीर रोगों से पीड़ित व्यक्ति शिकार हो जाते हैं । ऐसा भी माना जाता है कि ऋतु परिवर्तन के दौरान हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कुछ शिथिल हो जाती है, जिसके कारण वायरस के अतिक्रमण हमारे शरीर को संक्रमित कर देता है ,यह मूल रूप से विषाणु के संक्रमण से होने वाला बुखार है ।सामान्य तौर पर देखा गया है कि प्रारंभिक अवस्था में यह सामान्य बुखार के लक्षण होते हैं बाद में यह साधारण बुखार पहले की अपेक्षा ज्यादा कष्टकर हो जाता है एवं इसकी आयु भी अधिक दिन की होती है।
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वायरल फीवर के लक्षण-
1)प्रारंभिक अवस्था में या बुखार से शुरू होता है
2)रोगी को थकान के साथ-साथ मांसपेशियां एवं पूरे शरीर में दर्द होने लगता है
3)शरीर का तापमान करीब हो जाता है
4)रोगी को खासी जोड़ों में दर्द की भी शिकायत होती है
5)ऐसा देखा गया है कि रोगी को दस्त की शिकायत के साथ-साथ त्वचा में भी रेशस भी पड़ जाते हैं
6)व्यक्ति को ठंड लगने लगती है एवं गले में दर्द होता है।
7)सिर दर्द के साथ-साथ आंखें लाल हो जाती है ,और उसमें जलन होने लगती है।
8)व्यक्ति की ग्रास नलिका में भी सूजन के आसार देखे गए हैं।
वायरल फीवर के प्रभावी रोकथाम-
1)किसी भी बीमारी पर विजय प्राप्त करने के लिए सावधानी सबसे अधिक जरूरी है यदि व्यक्ति पहले से सतर्क रहें तो बीमारियां उसे चपेट में नहीं ले सकती।
2)ऋतु परिवर्तन की स्थिति में व्यक्ति को स्वयं से बारिश से बचाना चाहिए।
3)यदि किसी कारण से व्यक्ति बारिश भीग भी गया तो घर जाते ही पुनः नहाना चाहिए।
4)रात्रि के समय व्यक्ति को दूध में हल्दी का मिश्रित करके पीना चाहिए।
5)गुनगुने पानी से गरारा करना चाहिए।
6)सब्जियां बनाने से पूर्व सब्जियों को हल्के गर्म पानी से धोना चाहिए।
7)व्यक्ति को गीले कपड़ों एवं गीले बालों के साथ एसी कमरे में प्रवेश करने से बचना चाहिए।
8)बिना छिलके वाले फलों को खाना चाहिए यदि खाएं भी तो छिलके को अलग करके।
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वायरल फीवर के इलाज-
1)वायरल फीवर होने की दशा में आपको दो तरह की दवाई लिखता है
- एंटीपायरेटिक आपके शरीर के तापमान एवं बुखार की स्थिति में इबुप्रोफेन ,नेप्रोक्सेन, केटप्रोफेन इसमें आदि शामिल है।
- जोड़ों में दर्द एवं सिर दर्द की स्थिति में एसिटामिनोफेन साथ-साथ एनलजेसिक दवाई दी जाती है।
2) वायरल संक्रमण के दौरान रोगी को तरल पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए एवं पूर्ण रूप से आराम करना चाहिए।
3)व्यक्ति को कम से कम तेल मसालों से युक्त भोजन करना चाहिए क्योंकि रोगी की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है।
4)व्यक्ति को अल्पाहार के साथ -साथ सूप एवं फलों का जूस लेना चाहिए।
5)अधिक से अधिक पानी पीते रहना चाहिए ,क्योंकि वायरल फीवर के दौरान व्यक्ति के अंदर पानी की कमी हो जाती है।
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