प्रधानमंत्री को रिसीव करने का प्रोटोकॉल क्या है, जानिए किसने तोड़ा प्रोटोकॉल:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा इतनी मजबूत होती हैं कि परिंदा भी पर नही मार सकता। आप को पता ही होगा प्रधानमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी SPG (Special Protection Group) के हाथों में होती हैं। और प्रधानमंत्री जहा भी जाते है वहा प्रधानमंत्री पहोच ने से पहले बारीकी से हर चीजों की जांच होती हैं। लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि प्रधानमंत्री दौरे को लेकर प्रोटोकॉल को स्थापित किया गया है। जिनके तहत देश के प्रधानमंत्री किसी भी जिले (District) में जाते है उस प्रोटोकाल का पालन करना बेहद जरूरी होता है। चलिए आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताते हैं। क्या होता है प्रधानमंत्री को रिसीव करने का प्रोटोकॉल? और इस प्रोटोकॉल का पालन किससे करना पड़ता है?
Protocol to receive the Prime Minister?
आपको बता दें प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार हो या किसी भी सभा को संबोधित करना हो, और वहा कि स्थानीय सुरक्षा और नेशनल सुरक्षा को मिलाकर कड़ी बंदोबस्त की जाती हैं। लेकिन आपने देखा होगा। प्रधानमंत्री जिस शहर में जाते है, उस राज्य के मुख्यमंत्री उसे एयरपोर्ट पर रिसीव करने पँहुचते है। इसके अलावा मुख्यमंत्री के साथ एक सीनियर मंत्री भी रहता है। और चाहे तो वह अपने साथ विधायक भी रख सकते है। और जब तक प्रधानमंत्री अपने स्थान पर पहोच नही जाते। तब तक मुख्यमंत्री और उनके सीनियर नेता साथ मे रहते है। यह प्रधानमंत्री को रिसीव करने का प्रोटोकॉल माना जाता है। और इस प्रोटोकॉल को हर मुख्यमंत्री को पालन करना होता हैं।
कही बार राज्य के पुलिस अधिकारी प्रधानमंत्री को रिसीव करता है। साथ ही अगर प्रधानमंत्री किसी भी कार्यक्रम में शामिल होते है तो वहां पर मुख्यमंत्री और उस राज्य के अहम विधायक उपस्थित रहते है।
रिसीव करने का प्रोटोकॉल का पालन करना कितना जरूरी हैं?
- देश के प्रधानमंत्री के रिसीव को लेकर अहम प्रोटोकॉल है उसी तरह मुख्यमंत्री के लिए भी प्रोटोकॉल होता है
- मुख्यमंत्री भी अपने राज्य के किसी भी शहर का दौरा करते है
- तब एयरपोर्ट पर डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और मुख्य पुलिस अधीक्षक और वहा के सीनियर विधायक उसे रिसीव करने पँहुचते है
- बाद में तय किए गए समय के मुताबिक कड़ी सुरक्षा के साथ कार्यक्रम में पँहुचते है
- एक महत्वपूर्ण बात आपको बता दें कि जभी मुख्यमंत्री किसी शहर के दौरे पर जाते है
- उससे पहले मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का शेड्यूल बनाया जाता है
- उस शेड्यूल के मुताबिक सुरक्षा और अन्य चीजों का ध्यान रखा जाता है
किसने तोड़ा प्रोटोकॉल?
आपको बता दें प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल को तोड़ने की बात नई नही है। कई ऐसे मुख्यमंत्री या फिर विधायक है जिन्होंने प्रोटोकॉल को तोड़ा है। आपको बता दें पश्चिम बंगाल की मुखमंत्री ममता बनर्जी ने भी प्रोटोकॉल तोड़ा है खबरों की माने तो ममता बनर्जी के अलावा ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक भी प्रोटोकॉल (PM and CM Protocol) तोड़ चुके है। उसके अलावा जभी पीएम किसी भी राज्य में कार्यक्रम के लिए जाते हैं तो उनकी सुरक्षा विशेष सुरक्षा होती है। इसलिए प्रोटोकॉल का पालन करना भी सुरक्षा का अहम हिस्सा माना जाता है। साथ ही प्रोटोकॉल के साथ-साथ पीएम को रिसीव करते समय उनका स्वागत भी किया जाता हैं।
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Conclusion:- दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने प्रधानमंत्री को रिसीव करने का प्रोटोकॉल क्या है, जानिए किसने तोड़ा प्रोटोकॉल के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इसलिए हम उम्मीद करते हैं, कि आपको आज का यह आर्टिकल आवश्यक पसंद आया होगा, और आज के इस आर्टिकल से आपको अवश्य कुछ मदद मिली होगी। इस आर्टिकल के बारे में आपकी कोई भी राय है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।