जीका वायरस क्या होता है :- जीका वायरस इतना खतरनाक है कि अगर यह किसी गर्भवती महिला को हो जाए तो गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत भी हो सकती है| अफ्रीका के जिका जंगल से इस का संबंधित है. जहां से 1947 में अफ्रीकी विषाणु अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक पीले बुखार पर रिसर्च करने रीसस मकाक को लाए. इस लंगूर को हुए बुखार की जांच की गई, जिसमें पाए गए संक्रामक घटक को जगंल का ही नाम ‘जिका’ दिया गया. इसके 7 साल बाद 1954 में नाइजीरिया के एक व्यक्ति में यह वायरस पाया गया. अब 2018 में राजस्थान के जयपुर में जीका वायरस के 20 से अधिक मामले सामने आए हैं| जीका वायरस क्या होता है
जीका वायरस कैसे फैलता :- यह वायरस मच्छरों से फैलता है. यह एक प्रकार का एडीज मच्छर ही है| जो दिन में सक्रिय रहते हैं| अगर यह मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति को काट लेता है| जिसके खून में वायरस मौजूद है|, तो यह किसी अन्य व्यक्ति को काटकर वायरस फैला सकता है.
ओर ये वाइरस असुरक्षित शारीरिक संबंध और संक्रमित खून से भी वायरस फैलता है|
जीका वायरस का लक्षण:- इसके आम लक्षण डेंगू बुखार की ही तरह होते हैं| जैसे बुखार, लाल आंखे, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द और शरीर पर लाल चकत्ते|
जीका वायरस का इलाज:- इस वायरस का अभी तक कोई टीका नहीं है| न ही कोई उपचार है. इस संक्रमण से पीड़ित लोगों को दर्द में आराम देने के लिए एसिटामिनोफेन दी जाती|
जीका वायरस का उपचार:– वायरस को फैलाने वाले मच्छर से बचने के लिए वही उपाय हैजो आप डेंगू से बचने के लिए करते आए हैं| जैसे मच्छरदानी का प्रयोग, पानी को ठहरने नहीं देना, आस-पास की साफ-सफाई, मच्छर वाले एरिया में पूरे कपड़े पहनना, मच्छरों को मारने वाली चीज़ों का इस्तेमाल करे|
Important Link | ||||||||
Join Our Telegram Channel | ||||||||
Follow Google News | ||||||||
Join WhatsApps Chaanel |