इस आलेख में चिराली योजना राजस्थान ,Chirali Yojana Rajasthan,चिराली योजना राजस्थान के मुख्य उद्देश्य,चिराली योजना राजस्थान के लाभ,चिराली योजना राजस्थान के समूहों की गठन प्रक्रिया,चिराली योजना राजस्थान महिला हेल्पलाइन नंबर, आदि के बारे में विस्तार से बताया गया हैं |
चिराली योजना राजस्थान(Chirali Yojana Rajasthan):-चिराली योजना के तहत समुदाय आधारित समूहों का गठन किया जाता है। जिसका काम राजस्थान की महिलाओं तथा लड़कियों के प्रति होने वाले Violence के खिलाफ Action लेता है।वैसे तो पूरी दुनिया में महिलायें हिंसा की शिकार होती हैं, लेकिन सभ्य समाज के द्धारा ऐसे प्रयास भी पूरे विश्व में किये जाते रहे हैं, जिनसे महिलाओं के प्रति होने वाली हिंसा में कमी आती है।इसके अलावा जो महिलायें अथवा लड़कियां हिंसा का शिकार हो जाती हैं, उन्हें Chirali Yojana जैसी योजनाओं के तहत सहायता तथा सुरक्षा भी प्रदान की जाती है।
चिराली योजना राजस्थान के मुख्य उद्देश्य:-
{1} चिराली योजना के तहत Gender आधारित हिंसा से महिलाओं को बचाने के लिये तमाम योजनाओं के जरिये सुरक्षा प्रदान की जाती है।
{2} Stop Violence Against Women के तहत राज्य की महिलाओं तथा लड़कियों को घरेलू हिंसा तथा लिंग भेद के चलते होने वाली हिंसा से जुड़े मामलों के लिये पूरे समुदाय को जागरूक करने के प्रयास किये जाते हैं।
{3} जिन महिलाओं के साथ लिंग के आधार पर होने वाली हिंसा को दूर करने के लिये गठित समूहों प्राथमिक तौर पर काम करें।
{4} पूरे राजस्थान में महिलाओं तथा लड़कियों के प्रति होने वाली हिंसा व अपराधों का Safety Audit कराया जाना अनिवार्य कराया जाना।
{5} लिंग भेद आधारित हिंसा को रोकने के लिये समुदाय और हितधारकों के लिये एक बेहतरीन मंच उपलब्ध कराना, ताकि समुदाय दोनों स्तंभ अपनी परेशानियों को सरलता से एक दूसरे के सामने रख सकें।
चिराली योजना राजस्थान के लाभ:-
{1} महिलाओं के प्रति किसी भी प्रकार की हिंसा के विरूद्ध अनेक स्तरों पर भागीदारी तथा समन्वय के प्रयासों को बढ़ावा दिया जाता है।
{2} महिलाओं तथा लड़कियों के प्रति होने वाले Violence के खिलाफ सामुदायिक पहल को बढ़ावा दिया जाता है।
{3} चिराली योजना के तहत गठित समूहों को ताकत प्रदान करना, जिससे वह महिला हिंसा पर कारगर तरीके से लगाम सकें।
{4} गांव तथा ग्राम पंचायत स्तर पर समय समय पर Safety Audit कराया जाता है। जिससे महिला हिंसा से संबंधित आंकड़े राज्य की महिलाओं की समाज में स्थिति को आसानी से बयां कर पाते हैं।
चिराली योजना राजस्थान के समूहों की गठन प्रक्रिया:-
१.)साथिन (समन्वयक)
२.)आंगवाड़ी कार्यकर्ता, आशा
३.)किशोरी बालिका
४.)जागरूक नागरिक वर्ग से संबंधित व्यक्ति
५.)सहवृत सदस्य
६.)महिला जन प्रतिनिधि
7.)प्राथमिक स्कूल के अध्यापक
चिराली योजना राजस्थान के तहत गठित समूह कैसे काम करते हैं:-
१.)ग्राम पंचायत मुख्यालय स्तर पर कार्यदल की साथिन समन्वयक के रूप में काम करती है। यही साथिन समूह की बैठक आयोजित करती है।
२.)साथिन के द्धारा ही बैठक में सभी सदस्यों को बुलाया जाता है, तथा महिलाओं तथा बालिकाओं के प्रति होने वाली हिंसा से संबंधित मामलों को बैठक में रखा जाता है।
३.)इस प्रकार की बैठक साथिन के द्धारा साल में 2 बार बुलाई जाती है और संबंधित मामलों में कार्यवाही की संस्तुति प्रदान करती है।
४.)उप समूह स्तर पर महिलाओं तथा लड़कियों के प्रति होने वाली घरेलू तथा लिंग भेद आधारित हिंसा के मामले बैठकों में चिन्हित किये जाते हैं।
५.)इसके अलावा हिंसा दूर करने, पीडि़त महिलाओं को सुरक्षा तथा सहायता प्रदान करने के लिये बैठके आयोजित की जाती हैं और उन बैठकों का ब्यौरा ग्राम पंचायत मुख्यालय स्तर पर होने वाली बैठकों में रखा जाता है।
चिराली योजना राजस्थान महिला हेल्पलाइन नंबर – 181
राज्य महिला एवं बाल विकास, राजस्थान फोन नंबर – 0141 – 5196302
१.)पन्नाधाय जीवन अमृत योजना:-
२.)वरुण मित्र योजना
३.)किसान विकास पत्र
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