चांद पर पहुंचे, अब सूरज की बारी: 20 दिन तक स्पेस में रह सकेंगे अंतरिक्ष यात्री; जानिए ISRO के आगे का प्लान:-हेल्लो दोस्तों आज भारत देश ने एक ओर नई उपलब्धि को हासिल कर लिया है जिसके बारे में आप भली भांति से जानते ही है अगर नहीं पता है तो हम आपको बता दे कि भारत देश ने चंद्रयान-3 को सफलतापूर्ण चन्द्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करवा दी है जो यह लेंडिंग दिनांक 23 अगस्त 2023 को शाम करीब 6.00 बजे के आसपास हुई चन्द्रमा पर सॉफ्ट लेंडिंग करवाने वाला भारत देश विश्व का चौथा देश बन गया है जो अपने आप में एक गोरान्वित करने वाला है हम आपको अन्य जानकारी के लिए बता दे कि भारत का यह तीसरा प्रयास था जो अब सफल हुआ हुआ उससे पहले देश ने चंद्रयान 1 वर्ष 2008 में और चंद्रयान 2 वर्ष 2019 में लांच किया था और चंद्रयान 3 वर्ष 2023 में सफलतापूर्ण सॉफ्ट लेंडिंग करवा दी है हम आपको आज की पोस्ट में चंद्रयान 3 की कुछ महत्वपूर्ण जानकारी साझा करने वाले है इसके लिए आपको इस पोस्ट को अंत तक जरुर देखना होगा
जाने चंद्रयान 3 से जुडी अन्य जानकारी
इसी के साथ दोस्तों चंद्रयान 3 का लैंडर विक्रम चांद पर कदम रख चुका है और यह लेंडर चंद्रमा के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग की है अब भारत का आगे का लक्ष्य चांद पर पहुंचने के बाद अब सूरज की बारी है जिसकी तैयारी ISRO के वैज्ञानिकों ने कर ली है और आपको बेहद और अति महत्वपूर्ण जानकारी के लिए बता देना चाहता हु जिसको जानकारी आपकी छाती चोडी हो जाएगी बता दे कि सितंबर में सूरज तक पहुंचने के लिए आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग हो सकती है अंतरिक्ष और आसमान में खोज करने का ये सिलसिला यहीं रुकने वाला नहीं है इसके बाद NISAR और SPADEX जैसे दो और शानदार अंतरिक्ष मिशन में लॉन्च किया जा सकता है मीडिया रिपोर्ट में और भी कुछ जानकारी प्राप्त हुई है जिसके बारे में हम इस पोस्ट के जरिये बताने वाले है इसलिए आपको हमारे साथ जुड़े रहना है
देखे चंद्रयान 3 में क्या खास बाते है
इसरो के द्वारा बताई गई जानकारी में चंद्रयान 3 के लिए मुख्य रूप से तीन बड़े उद्देश्य है जिसको पुरे देश को उम्मीद है कि बता दे कि पहला उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग करवाना था और दूसरा चंद्रमा की सतह कही जाने वाली रेजोलिथ पर लैंडर को सफलतापूर्ण उतारना और उसको चारो ओर घुमाना है और इसके आलावा महत्वपूर्ण उद्देश्य लैंडर और रोवर्स से चंद्रमा की सतह पर शोध कराना है वही इसरो के वैज्ञानिको ने चंद्रयान 2 में आई तकनीकी खामियों को दूर करके चंद्रयान 3 के लैंडर को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस किया गया है ताकि लेंडिंग के समय किसी भी तरह की खराबी न हो और भारत का सपना पूरा हो प्रोपल्शन मॉड्यूल और लैंडर व रोवर्स सात अलग अलग तरह के उपकरणों से लैस व सुरक्षित है जिसमे लैंडर पर चार और रोवर पर दो व प्रोपल्शन मॉड्यूल पर एक तकनीक को शामिल किया गया है
जाने लैंडर मॉड्यूल की महत्वपूर्ण बाते
- चंद्रयान 3 के लैंडर मॉड्यूल में लैंडर और रोवर्स शामिल हैं
- इन दोनों को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारना था जो सफलतापूर्ण उतर गया था उसके बाद उनका जीवन काल का पता करने के लिए चांद पर एक दिन तक रिसर्च की जाएगी
- वही चंद्रमा पर सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है
- इसी के साथ चंद्रयान 3 का लैंडर दो मीटर लंबा और दो मीटर चौड़ा इसके आलव 1749 किलोग्राम लेंडर का वजन है
- चंद्रयान 3 को सफलतापूर्ण लेंडिंग हो इसके लिए लैंडर की महत्वपूर्ण भूमिका है
- लेंडर से निकलने वाला रोवर बेंगलुरु में इंडियन डीप स्पेस नेटवर्क से सीधा संवाद करेगा
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Conclusion:- दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने चांद पर पहुंचे, अब सूरज की बारी: 20 दिन तक स्पेस में रह सकेंगे अंतरिक्ष यात्री; जानिए ISRO के आगे का प्लान के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। इसलिए हम उम्मीद करते हैं, कि आपको आज का यह आर्टिकल आवश्यक पसंद आया होगा, और आज के इस आर्टिकल से आपको अवश्य कुछ मदद मिली होगी। इस आर्टिकल के बारे में आपकी कोई भी राय है, तो आप हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।