चर्म रोगी का आहार : यदि आप चर्म रोग से संबंधित समस्या से ग्रसित है। तो ऐसे में आपको चाहिए कि अपने खान-पान पर विशेष तौर पर ध्यान दे। अपनी दिनचर्या को संतुलित रखने के साथ ही अच्छी खाने-पीने की सही आदतें ही चर्म रोग से निजात दिलाएगी। सामान्य तौर चर्म रोगी की त्वचा लाल हो जाती है। उस में खुजली के साथ ही जलन महसूस होती है ,ऐसे में गलत आहार का सेवन त्वचा से संबंधित रोग को बढ़ावा देते हैं।
चर्म रोगी का आहार : चर्म के रोगी को किस प्रकार का आहार के रूप में के रूप में लेना चाहिए ?
डाइट में सलाद अवश्य ले
चर्म रोग से संबंधित समस्याओं के निदान के लिए व्यक्ति को हरी सब्जियों का सेवन सर्वाधिक करना चाहिए। विशेष तौर पर कच्ची सब्जियों का सलाद बनाकर आहार के रूप में ले, सलाद में एंटीऑक्सीडेंट्स के साथ ही एंजाइम्स भरपूर मात्रा में होते हैं ।जिससे आपकी पाचन क्रिया सुदृढ़ होती है। इसके अतिरिक्त हरी सब्जियों में आवश्यक विटामिन ,क्लोरोफिल एवं मिनरल्स पाए जाते हैं ।आहार लेने से पहले व्यक्ति को एक कटोरी सलाद का सेवन करना, उसकी त्वचा के लिए हितकारी साबित होता है।
अत्यधिक पानी पिएँ
आप सभी को पता होगा, व्यक्ति के शरीर में जल की मात्रा सर्वाधिक होती है। पानी शरीर की गंदगी को किसी न किसी रूप में निकालता है ।यदि आप पानी का कम सेवन करते हैं, तो इससे भी आपको तरह-तरह की बीमारियां हो सकती है ।पूर्ण रूप से स्वस्थ रहने के लिए व्यक्ति को पूरे दिन में कम से कम तीन से चार लीटर पानी पीना चाहिए।
संतरा और नींबू त्वचा के लिए हितकारी
स्वस्थ त्वचा के लिए विटामिन सी की आवश्यकता पड़ती है। संतरे में विटामिन सी पाया जाता है ।इसके साथ ही नींबू में ग्लूटाथियॉन पाया जाता है। यह लीवर के लिए बेहद फायदेमंद साबित होता है ।नींबू का सेवन लीवर के डिटॉक्सिफिकेशन बेहद प्रभावी है
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चर्म रोग को अपने आहार में क्या शामिल नहीं करना चाहिए?
अल्कोहल का सेवन
अल्कोहल का सेवन व्यक्ति मात्र नशे के लिए नहीं करता ।बल्कि कभी-कभी यह शरीर को फायदे के साथ नुकसान भी पहुंचा सकता है ।ठंडी के सीजन में शराब शरीर को गर्मी प्रदान की उद्देश्य लिया जाता है ।परंतु त्वचा विशेषज्ञ के अनुसार यह चर्म रोग को बढ़ा देते हैं ।व्यक्ति के चेहरे पर यदि मुहासे या सोरायसिस त्वचा संबंधी रोग हो तो ऐसी परिस्थिति में शराब का सेवन पर निषेध लगा देना चाहिए।
गरम मसाले का सेवन
भोज्य पदार्थों को जायका बढ़ाने के लिए सामान्य रूप से हम तीखी मिर्ची, काली मिर्च के अतिरिक्त अन्य मसालों का सेवन करते हैं। परंतु चर्म रोग के लिए या बेहद नुकसानदायक होता है।
धूम्रपान से बचे
त्वचा संबंधी रोग में व्यक्ति को धूम्रपान पूर्ण रूप से छोड़ देना चाहिए। विशेष तौर पर सोरायसिस त्वचा संबंधी परेशानी होने पर इसमें रोगी की हथेली एवं तलवों पर इसका सर्वाधिक दुष्प्रभाव पड़ता है ।स्मोकिंग पर पाबंदी लगाने से त्वचा संबंधी रोग जल्दी ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।
शक्कर से दूरी बना ले
प्रायः देखा गया है कि लोग चीनी का प्रयोग सर्वाधिक करते हैं। चीनी के साथ ही सोडा जिससे कि व्यक्ति की वजन में अभिवृद्धि होती है ।बहुत कम ही लोगों को यह ज्ञात होगा, कि त्वचा के रोगों को बढ़ाने में चीनी का सेवन भी शामिल है ।
तैलीय खाद्य पदार्थों को करे ना
चर्म रोग के निदान के लिए व्यक्ति को भोज्य पदार्थों में तेल का सेवन कम से कम या ना के बराबर करना चाहिए ।साथ में ही नमक का सेवन भी कम से कम करें, क्योंकि ये त्वचा संबंधित रोगो के इलाज के लिए बाधक माने जाते हैं।
दुग्ध से निर्मित पदार्थों का कम सेवन करें
जैसा कि सभी जानते हैं कि डेयरी में उपलब्ध उत्पाद व्यक्ति के वजन बढ़ाने के साथ ही त्वचा से संबंधित बीमारियों मैं भी इजाफा हुआ है ।डेयरी के उत्पाद रोगी के शरीर को फूला देते हैं ।जिसके परिणाम स्वरूप त्वचा पर मुंहासे एवं एक्ज़िमा निकल आते हैं।