इस आलेख में अविका कवच बीमा योजना,भेड़ का बीमा करवाने की प्रक्रिया,आवश्यक दस्तावेज,बीमित भेड़ की मृत्यु होने पर क्लेम कैसे करे, आदि के बारे में विस्तार से बताया गया हैं |
अविका कवच बीमा योजना:-अविका कवच बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य राजस्थान राज्य के भेड़पालको को उनकी भेड़ो का अनुदानित प्रीमियम पर बीमा करवाकर उन्हें आर्थिक रूप से सम्बल प्रदान करना है| अविका कवच बीमा योजन के तहत बीमित भेड़ की मृत्यु होने की स्थिति में बीमा धन राशि का पुर्नभरण करना है ताकि जोखिम की पूर्ति की जाकर राज्य के भेड़पालकों को आर्थिक हानि से बचाया जा सके|
भेड़ का बीमा करवाने की प्रक्रिया:-
1.)किसान/ भेड़पालक को अपनी भेड़ो का बीमा करवाने हेतु नजदीकी पशुचिकित्सालय में सम्पर्क कर प्रस्ताव पत्र व् बीमा स्वीकृति पत्र भरना होगा तथा अपने हिस्से की प्रीमियम राशि कंपनी प्रतिनिधि / अभिकर्ता को जमा करवानी होगी|
2.)बीमित भेद की पहचान हेतु भेड़ के टैग लगाने एवं भेड़पालक का भेड़ के साथ फोटो खींचने का कार्य एवं इस पर व्यय होने वाली राशि बीमा कंपनी द्वारा वहन की जावेगी|
3.)भेड़ का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र सरकारी पशु चिकितसकों द्व्वारा जारी किया जावेगा|
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आवश्यक दस्तावेज:-
1.)बीमा हेतु आवेदन पत्र
2.)भेड़ का स्वास्थ्य प्रमाण पत्र
3.)भेड़ के कान में टैग सहित भेड़पालक का फोटो
4.)भामाशाह कार्ड की प्रति बी.पी.एल. कार्ड/एस.सी./एस. टी. से सम्बंधित दस्तावेज की प्रति
5.)बैंक का नाम, खाता संख्या एवं आई.एफ.एस. सी. कोड
6.)आधार कार्ड की प्रति
7.)भेड़पालक के हिस्से की प्रीमियम राशि
बीमित भेड़ की मृत्यु होने पर क्लेम कैसे करे:-
1.)बीमित भेड़ की मृत्यु हो जाने की दशा में भेड़पालक को बीमा कंपनी के अधिकृत कार्यालय/प्रतिनिधि एवं सम्बंधित जिले के संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग अथवा प्रतिनिधि को मोबाइल/दूरभाष एवं ईमेल/मोबाइल पर एस.एम. एस. अथवा व्यक़्तिश भेड़ की मृत्यु होने के सामान्यतः छः घंटे के अन्दर सूचित करना होगा|
2.)भेड़ की रात्रि में मृत्यु होने की स्थिति में बीमा कंपनी को दूसरे दिन प्रातः तक सूचित किया जाना आवश्यक होगा, बीमा कम्पनी द्वारा सूचना प्राप्त होने पर सामान्यतः छः घंटे की अवधि में मृत भेड़ का अन्वेषण करवाये जाने हेतु अन्वेषक नियुक्त किया जावेगा|
3.)छः घंटे की अवधि में अन्वेषक की नियुक्त नहीं होने की स्थिति में मृत भेड़ का पोस्टमार्टम नजदीकी पशु चिकित्सक अथवा विशेष परिस्थितियों में सम्बंधित जिले के संयुक्त निदेशक द्वारा नामित पशुचिकित्सक से करवाना होगा, मृत भेड़ की भेड़पालक के साथ फोटो ली जानी आवश्यक होगी जिसमे भेड़ के कान में लगा टैग स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो|
4.)बीमा कम्पनी को मोबाइल/दूरभाष एवं ईमेल/मोबाइल एस.एम.एस. अथवा व्यक़्तिश सूचित करना|
5.)बीमा प्रमाण पत्र/बीमा पालिसी की प्रति बीमा कम्पनी को उपलब्ध कराना|
6.)क्लेम फार्म भरकर बीमा कम्पनी को उपलब्ध कराना|
7.)भेड़ का मृत्यु प्रमाण-पत्र, मृत भेड़ की भेड़पालक के साथ फोटो जिसमे भेड़ के कान में लगा |
8.)टैग स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो एवं टैग बीमा कम्पनी को उपलब्ध कराना|
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